दो जिलों को जोड़ने वाला नहीं बना स्थायी सेतु
मवई चौराहे से शुक्लबा•ार से होते हुए जगदीशपुर अमेठी सुल्तानपुर पहुंचना है तो ये पुल आपकी मदद कर सकता है और कई किलोमीटर की यात्रा कम हो सकती है। सिल्हौर घाट पर लगभग तीन साल पहले तक लोग शुक्ल बाजार अमेठी हैदरगढ़ जाने के लिए नाव का सहारा लेते थे या फिर देवीगंज से घूमकर लगभग 20 से 30 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय कर गंतव्य तक पहुंचते थे। किसान यूनियन ने पुल के लिए पहली बार 2014 में आंदोलन किया। धरना में हजारों लोग शामिल हुए। ग्रामीणों ने कहा था कि पुल नहीं बना तो जलसमाधि ले लेंगे। किसान यूनियन के नेता देव नारायण शर्मा व सिल्हौर निवासी द्वारिका प्रसाद तिवारी ने बताया कि धरना 13 दिनों तक चला और विरोध इसलिए ज्यादा रहा कि इस पुल को कुछ नेता दूसरी जगह बनवाना चाहते थे। धरना समाप्त हो गया पीपा पुल बनाकर छोड़ दिया गया यह पुल बरसात के दिनों में चार माह तक बंद रहता है।
बाराबंकी : नदी के एक ओर अयोध्या लोकसभा का आखिरी हिस्सा व दूसरी ओर बाराबंकी लोकसभा का शुरुआती हिस्सा है। साथ ही तीन विधानसभा क्षेत्र दरियाबाद, हैदरगढ़ व रुदौली का बॉर्डर बीच में गोमती नदी पर अस्थायी पुल बना हुआ है। पीपा पुल से निजात क्षेत्र के लाखों लोगों को नहीं मिल पाई है। यह गंभीर मुद्दा था लेकिन यह जनप्रतिनिधियों का मुद्दा नहीं बन पाया है।
मवई चौराहे से शुक्लबा•ार से होते हुए जगदीशपुर, अमेठी, सुल्तानपुर पहुंचना है तो ये पुल आपकी मदद कर सकता है। कई किलोमीटर की यात्रा कम हो सकती है। सिल्हौर घाट पर लगभग तीन साल पहले तक लोग शुक्ल बाजार, अमेठी, हैदरगढ़ जाने के लिए नाव का सहारा लेते थे, या फिर देवीगंज से घूमकर लगभग 20 से 30 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय कर गंतव्य तक पहुंचते थे। किसान यूनियन ने पुल के लिए पहली बार 2014 में आंदोलन किया। धरना में हजारों लोग शामिल हुए। ग्रामीणों ने कहा था कि पुल नहीं बना तो जलसमाधि ले लेंगे। किसान यूनियन के नेता देव नारायण शर्मा व सिल्हौर निवासी द्वारिका प्रसाद तिवारी ने बताया कि धरना 13 दिनों तक चला और विरोध इसलिए ज्यादा रहा कि इस पुल को कुछ नेता दूसरी जगह बनवाना चाहते थे। धरना समाप्त हो गया, पीपा पुल बनाकर छोड़ दिया गया, यह पुल बरसात के दिनों में चार माह तक बंद रहता है।
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क्या कहते हैं लोग
रामसुरेश तिवारी ने बताया कि अयोध्या लोकसभा की तरफ सिल्हौर दयाराम पुरवा, दुलमपुर ,हाजीपुर, अशरफ पुर रसूलपु, मवई, बेलपुर, सरवन टिकठा, अनारपटी सहित सैकड़ों गांव तथा नदी के उस पार बाराबंकी लोकसभा क्षेत्र में चकोरा, शरीफाबाद, सुबेहा, अल्पी का पुरवा, इस्माइलपुर, सुबेहा, शुक्लबा•ार आदि गावों के नागरिकों को यदि स्थायी पुल बनाए जो सहूलियत मिलेगी।
बृज किशोर शर्मा ने बताया कि दोनों क्षेत्रों में बाजारों में अपने रोजगार को मजबूती प्रदान कर सकते हैं। यदि यह पुल स्थायी बन जाए जो लाखों लोगों को सुविधाएं मिलेंगी। जनता की इस गंभीर समस्याओं को जनप्रतिनिधियों ने इस बार अलग कर दिया।
शैलेंद्र कुमार ने कहा कि यदि इस स्थान पर पक्का पुल बन जाए, तो तमाम गांवों सहित कई जगह की दूरी भी कम हो जाएगी। लोग एनएच-28 हाईवे से सीधे सुल्तानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहुंच सकते हैं। सुल्तानपुर-जगदीशपुर, अमेठी, इलाहाबाद की दूरी आसानी से तय कर सकते हैं। वह उसके बनने से ग्रामीणों को रोजगार भी उपलब्ध हो जाएगा।
नीरज शुक्ला ने दर्द बताते हुए कहा कि हम लोकसभा क्षेत्र के अंतिम छोर में रहने वाले लोगों को हमेशा उपेक्षा का शिकार होना पड़ता है। आंदोलन में सभी नेता, प्रशासन ने वादा किया, कितु अभी तक यही पुल है।