गाजे-बाजे के साथ निकली साईं महाराज की पालकी यात्रा
गाजे-बाजे के साथ निकली साईं महाराज की पालकी यात्रा
बाराबंकी: सबका मालिक एक, बोलो साईं नाथ की जय, साईं महाराज की जय जैसे जयकारों के बीच साईं महाराज की पालकी यात्रा निकाली गई। इस दौरान श्रद्धालु अबीर-गुलाल उड़ाते हुए चल रहे थे।
थाने के पीछे चिनहट-सतरिख मार्ग पर बाबा शंभूदास की प्राचीन कुटी है। इसी में प्रसिद्ध शिव मंदिर और भव्य साईं मंदिर भी है। गुरुवार को महंत देवी शरण दास के नेतृत्व में शिवशक्ति यादव, त्रिलोकीनाथ गुप्ता, उमाकांत श्रीवास्तव, राजेश श्रीवास्तव, पंकज कुमार सहित अन्य भक्तों ने गाजे-बाजे के साथ बाबा शंभू दास की कुटी से साईं मंदिर तक साईं पालकी यात्रा निकाली। पंडित अरविद कुमार मिश्रा ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ मंदिर में साईं महाराज की मूर्ति स्थापित करवाई। महंत देवी शरण दास ने बताया कि बाबा शंभू दास की कुटी रेठ नदी से करीब 400 मीटर दूर स्थित सैकड़ों वर्ष पुरानी प्राचीन कुटी है। सामाजिक कार्यकर्ता त्रिलोकी नाथ गुप्ता का कहना है कि यह कुटी हमारे कस्बे की धरोहर और पहचान है।
इनसेट-मंदिर पर भंडारा आज
बाबा शंभू दास कुटी परिसर में स्थित साईं मंदिर में मूर्ति स्थापना को उत्सव के रूप में मनाया जाता है। महंत देवी शरण दास ने बताया कि शुक्रवार को मंदिर परिसर में भंडारा होगा।
इनसेट-जयसीराम ने दिए थे तीन लाख
कस्बे के मुख्य चौराहे पर रहने वाले व्यापारी व समाजसेवी जयसीराम मौर्य ने बाबा शंभू दास कुटी परिसर में साईं मंदिर का निर्माण करवाने के लिए तीन लाख दान में दिए थे। महंत देवी शरण दास ने बताया कि जयसीराम मौर्य अब हम लोगों के बीच नहीं हैं लेकिन उनके सराहनीय कार्य हमेशा याद किए जाएंगे।