मुंह से ठांय-ठांय करने के बाद अब यूपी पुलिस के सिपाही काट रहे धान, वीडियो वायरल
बदमाशों के साथ मुठभेड़ में पिस्टल के जवाब देने पर मुंह से ठांय-ठांय की आवाज निकालने वाले उत्तर प्रदेश पुलिस के जवान धान काटने में भी माहिर हैं।
बाराबंकी (जेएनएन)। बागपत में बदमाशों के साथ मुठभेड़ में पिस्टल के जवाब देने पर मुंह से ठांय-ठांय की आवाज निकालने वाले उत्तर प्रदेश पुलिस के जवान धान काटने में भी माहिर हैं। लखनऊ में विवेक तिवारी हत्याकांड के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस में अधिकारियों के खिलाफ जवानों का रोष कायम है।
इसी क्रम में आज बाराबंकी में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें पीएसी के जवान खेतों में धान काट रहे हैं। इस वीडियो को बनाने वाले जवान ने कमांडेट तथा सीओ पर सिपाहियों से धान कटवाने का आरोप लगाने के साथ ही इस वीडियो को अधिक से अधिक वायरल करने की अपील की है। इस प्रकरण पर कमांडेंट ने कहा कि आज स्वेच्छा से श्रमदान हुआ है। किसी से कोई काम नहीं कराया गया।
बाराबंकी में दसवीं वाहिनीं पीएसी के जवानों से धान कटवाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। यह वीडियो बनाने वाले सिपाही ने कमांडेंट और सीओ पर सिपाहियों व कर्मचारियों से धान कटवाने की बात बोली है। इसके साथ ही इस वीडियो को अधिक से अधिक शेयर करने की अपील की है। मात्र 38 सेकेंड की इस वीडियो में कुल नौ लोग दिख रहे हैं। इसमें से छह लोग धान काट रहे हैं। दो लोग खड़े हैं।
इनमें एक मोबाइल पर बात कर रहा है। इसके अतिरिक्त एक व्यक्ति बैठा हुआ है। वीडियो बनाने वाला भी सिपाही बताया जा रहा है जो वीडियो बनाने के साथ-साथ बोल रहा है कि यह सभी पीएसी दसवीं वाहिनीं के सिपाही व कर्मचारी हैं। जिनसे कमांडेट राजेश कृष्ण धान कटवा रहे हैं। कटाई के दौरान वहां पर टीम के हेड का होना भी बताया गया है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद से खलबली मची है।
यूपी पुलिस के अधिकारी मौज काट रहे हैं और सिपाही धान काट रहे हैं। अफीम तथा मेंथा की खेती के लिए मशहूर बाराबंकी में यूपी पुलिस के सिपाही दिहाड़ी मजदूरी पर अधिकारी के खेतों के धान काट रहे हैं।यूपी पुलिस के सिपाही इसे शोषण करार दे रहे हैं। वह कह रहे हैं कि हब लोग सब कुछ काट सकते हैं लेकिन धान साहब के खेतों के धान काटना गंवारा नहीं।
जिस वीडियो के साथ ये सब वायरल किया जा रहा है उसके नीचे लिखा है कि 'आज भी 1861 पुलिस एक्ट के तहत सिपाहियों का शोषण किया जा रहा है। यूपी पुलिस अपने अधिकारों के लिए बागी हो चुकी है। जवान आईपीएस अफसर पर आरोप लगा रहा है कि वह हम सबकी ड्यूटी खेतों में लगाकर उनका शोषण कर रहे हैं।
शोषण के आरोपों पर आईपीएस अधिकारी राजेश कृष्ण ने कहा यहां कोई धान की फसल नहीं कटवाई जा रही। हर रविवार को हम सभी लोग पूरे पीएसी कैंपस में श्रमदान करते हैं, ताकि साफ-सफाई बनी रहे। पीएसी कैंपस में बड़ी-बड़ी घास निकल आती है। उसको साफ करने के लिए मैं खुद काम करता हूं। सभी जवान अपनी इच्छा से काम करते हैं, किसी के ऊपर कोई दबाव नहीं डाला जाता. यह वीडियो किसने और किस नियत से सोशल मीडिया पर वायरल किया है, इसके बारे में पता करेंगे।
पीएसी-पुलिस ग्रुप में वायरल
यह वीडियो पीएसी और पुलिस विभाग के कर्मचारियों के ग्रुपों पर सर्वाधिक वायरल है। इसके साथ यह संदेश भी वायरल हो रहा है कि सिपाहियों का शोषण किया जा रहा है। पुलिस और पीएसी में यह वीडियो चर्चा का विषय बना हुआ है।
सिपाही की होगी जांच
पीएसी कमांडेंट राजेश कृष्ण ने कहा कि यह वीडियो जिस सिपाही ने बनाया और वायरल किया है। उस सिपाही की जांच होगी। उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। किसी ने साजिशन वीडियो बनाई है। मैं तो यहां था ही नहीं। हम लोग भी रविवार को काम करते हैं। पिच बन रही हैं हम खड़े होकर काम कराते हैं। पीएसी कमांडेट राजेश कृष्ण का कहना है कि रविवार को श्रमदान होता है। सभी सिपाही स्वेच्छा से श्रमदान कर रहे हैं। लगाए गए आरोप गलत हैं।