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दावों से मेल नहीं खा ओडीएफ गांवों का सच

दावों से मेल नहीं खा ओडीएफ गांवों का सच

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Aug 2019 12:44 AM (IST)Updated: Tue, 27 Aug 2019 12:44 AM (IST)
दावों से मेल नहीं खा ओडीएफ गांवों का सच
दावों से मेल नहीं खा ओडीएफ गांवों का सच

बाराबंकी : जिले के अफसरों ने पंचायतों को खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ) घोषित कर दिया है। इसे प्रशासनिक चूक, मॉनीटरिग में शिथिलता या अफसरों की हड़बड़ी ही माना जाएगा कि गांवों में बने ज्यादातर शौचालय निष्प्रयोज्य हैं। सूरतगंज की बसारी पंचायत ओडीएफ घोषित है, पर यहां की गढ़ी के 90 परिवारों में से किसी को शौचालय नहीं मिल सके हैं। शौचालयों के प्रयोग के लिए प्रेरित करने का जिम्मा स्वच्छाग्रहियों को सौंपा गया पर ज्यादातर ग्रामीण इनका प्रयोग नहीं कर रहे हैं। जागरण टीम ने सोमवार को ओडीएफ गांवों की हकीकत देखी तो कुछ ऐसी ही तस्वीर सामने आई। प्रस्तुत है गंगौली से राहुल जायसवाल, नारायणपुर से श्रीकांत तिवारी, कर्मेमऊ से बृजेंद्र वर्मा, बसारी से पंकज जैन, याकूबगंज से संतोष कुमार, भैरमपुर से राघवेंद्र मिश्र, बहादुरपुर से केके मिश्र की रिपोर्ट..

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दरियाबाद क्षेत्र के 250 परिवारों वाले गंगौली में करीब दो दर्जन परिवारों के पास शौचालय नहीं है। सुरेशचंद्र के शौचालय का दरवाजा टूटा है तो शांतिदेवी का शौचालय छह माह में ही जर्जर हो गया। रामप्रसाद के शौचालय में लकड़ी भरी मिली। बनीकोडर ब्लॉक के नारायणपुर ग्रामसभा में 350 परिवार में से 209 परिवारों के लिए शौचालय बनाए गए। शौचालयों में गड्ढा नहीं तो किसी में छत नहीं, कहीं सीट ही नहीं रखी गई। रामबरन के शौचालय में ताला लगा मिला। कहा, शौचालय प्रयोग के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

त्रिवेदीगंज क्षेत्र के कर्मेमऊ में 120 परिवार में से 101 परिवार को शौचालय मिल चुके हैं। मानकों की अनदेखी के चलते मेवालाल, आशीष, सर्वजीत, राममिलन, प्रेमकुमार ,रामसुमिरन, प्रहलाद, जगतराम, रामबक्स, चेतराम, राम सागर, सुरेश आदि के यहां बने शौचालय गिरने की कगार पर हैं। इसके अलावा कई को को शौचालय नहीं मिला। हैदरगढ़ क्षेत्र के बहादुरपुर के मवैया गांव में गंगादीन, अमर दीप, बाबूलाल्र, दिनेश, मंशाराम सहित 40 फीसद ग्रामीणों के शौचालय अधूरे हैं।

सूरतगंज के बसारी पंचायत में 360 परिवार में से 230 परिवारों के ही शौचालय बने है। बसारी के गढ़ी गांव में 90 परिवार में से किसी का भी शौचालय नहीं बना है। धनीराम, राजेंद्र, प्रदीप आदि शौचालय न बनने की शिकायत करते हैं। मसौली के 519 परिवार वाले याकूतगंज गांव में करीब 37 परिवार खुले में शौच जाने को आज भी मजबूर है। ग्राम भैरमपुर के मजरा भैरमपुर, गुरुबाक्सगंज, साई तकिया में कुल छह सौ घर में पांच सौ पचास शौचालय के सापेक्ष दो सौ पचास शौचालय ही बन पाए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि सूची से 70 लोगों के नाम काट दिए गए हैं।

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फैक्ट फाइल

कुल परिवार-सात लाख

शौचालय बनाने का दावा-चार लाख 78 हजार 500

शौचालय निर्माण पर खर्च -574 करोड़

शौचालय विहीन परिवार-6500

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शौचालय निर्माण पूरा हो चुका है। अब छूटे परिवार का सर्वे चल रहा है। जिला ओडीएफ घोषित है, जहां भी निर्माण अधू्रा है पूरा करवाया जाएगा।

-रणविजय सिंह, प्रभारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, बाराबंकी।


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