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गांव लौटे लोगों को नहीं मिल रहा काम

संवादसूत्र बाराबंकी कोरोना वायरस का खौफ गांव-गांव सर चढ़कर बोल रहा है। बाहर से आए लोगों ने इस डर को और बढ़ा दिया है क्योंकि शायद ही कोई ऐसा गांव है जहां चार-छह लोग बाहर से न आए हों। सबसे अधिक समस्या उन गांवों में है जहां मुंबई केरल राजस्थान आदि गैर राज्यों से लोग आए हैं। ऐसे भी लोग हैं जो 14 दिन पूरा कर चुके हैं। इसके बावजूद उन्हें उनसे गांव में न कोई मिल रहा है और न ही कोई खेतों में मजदूरी के लिए बुला रहा है जबकि अधिकांश लोग शहरों में ही मजदूरी करते रहे हैं। अब गांव में इन लोगों के सामने दोहरी समस्या है। मजदूरी नहीं मिलेगी तो परिवार का पेट पालना मुश्किल होगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Apr 2020 09:45 PM (IST)Updated: Fri, 03 Apr 2020 06:05 AM (IST)
गांव लौटे लोगों को नहीं मिल रहा काम
गांव लौटे लोगों को नहीं मिल रहा काम

बाराबंकी : कोरोना वायरस का खौफ गांव-गांव सर चढ़कर बोल रहा है। शायद ही कोई ऐसा गांव है जहां चार-छह लोग बाहर से न आए हों। सबसे अधिक समस्या उन गांवों में है जहां मुंबई, केरल, राजस्थान आदि गैर राज्यों से लोग आए हैं। ऐसे भी लोग हैं जो 14 दिन पूरा कर चुके हैं। इसके बावजूद उनसे गांव में कोई मिल रहा है और न ही कोई खेतों में मजदूरी के लिए बुला रहा है जबकि अधिकांश लोग शहरों में ही मजदूरी करते रहे हैं। अब गांव में इन लोगों के सामने दोहरी समस्या है। मजदूरी नहीं मिलेगी तो परिवार का पेट पालना मुश्किल होगा।

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हरख ब्लॉक के बरेहटा गांव में एक मार्च से 24 मार्च के मध्य आए डेढ़ दर्जन लोगों से भी लोग खौफ खाए हैं। इनमें लखनऊ, हरियाणा, अहमदाबाद, पंजाब आदि शहरों से आए लोग शामिल हैं। 20 मार्च के बाद आए लोगों को घरों में क्वारंटाइन कराया गया। मगर इससे पहले जो लोग आए। जिनके 14 दिन पूरे हो गए उन्हें भी खेतों में काम के लिए घर वाले भी नहीं ले जा रहे। जबकि इस समय खेतों में मेंथा की रोपाई व निकाई, गेहूं व चना, मटर, मसूर आदि रबी फसलों की कटाई व मड़ाई का काम चल रहा है। इसी तरह दादरा व दौलतपुर गांव में भी खेतों में मेंथा की रोपाई व अन्य काम कर रहे किसानों ने बताया कि बाहर से आने वाले लोग घर में ही हैं। हम लोग उन्हें काम पर नहीं बुला रहे हैं।

बरेहटा गांव के गंगादीन ने बताया कि उनके साथ दो अन्य लोग भी हरियाणा से लौटकर 12 मार्च को आए थे। सभी लोग घर में ही हैं। ताकि गांव के लोगों को कोई शंका न हो। खेत में भी नहीं जा पा रहे हैं और न कोई बुला रहा है। इसी तरह इस गांव में 12 मार्च से पहले आने वाले लवकुश, विजय कुमार, संतोष कुमार भी काम न मिलने की वजह से परिवार चलाने को लेकर परेशान हैं।


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