अब चुनाव ड्यूटी से नहीं भाग पाएंगे कर्मचारी
हृश्र ह्मह्वठ्ठठ्ठद्बठ्ठद्द ड्ड2ड्ड4 द्घह्मश्रद्व द्गद्यद्गष्ह्लद्बश्रठ्ठ स्त्रह्वह्ल4 हृश्र ह्मह्वठ्ठठ्ठद्बठ्ठद्द ड्ड2ड्ड4 द्घह्मश्रद्व द्गद्यद्गष्ह्लद्बश्रठ्ठ स्त्रह्वह्ल4 हृश्र ह्मह्वठ्ठठ्ठद्बठ्ठद्द ड्ड2ड्ड4 द्घह्मश्रद्व द्गद्यद्गष्ह्लद्बश्रठ्ठ स्त्रह्वह्ल4 हृश्र ह्मह्वठ्ठठ्ठद्बठ्ठद्द ड्ड2ड्ड4 द्घह्मश्रद्व द्गद्यद्गष्ह्लद्बश्रठ्ठ स्त्रह्वह्ल4
बाराबंकी : अभी तक चुनावों में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने के बाद से अधिकारियों के पास सिफारिशें आनी शुरू हो जाती थीं। कई अधिकारी अपने चहेतों का नाम काटकर अन्य कर्मचारियों का नाम जोड़ दिया करते थे। इससे चुनाव की प्रक्रिया में दिक्कतें आती थी। चुनाव में लगने वाले सभी कर्मचारियों का ऑनलाइन डाटा किया जा रहा है। अब कोई भी कर्मचारी चुनाव कराने से भाग नहीं सकता है। कर्मचारियों की सूची को ऑनलाइन किया जा रहा है। कोई भी कर्मचारी ड्यूटी करने से इंकार नहीं कर पाएगा और न ही नाम कटवा पाएगा। मुख्य विकास अधिकारी अंजनी कुमार ¨सह ने बताया कि जिले में इस बार 2757 बूथ बनाए गए हैं। करीब साढ़े 16 हजार कर्मचारियों की जरूरत पड़ेगी। 2757 पीठासीन अधिकारियों की जरूरत पड़ती हैं। इसके बाद 30 प्रतिशत अतिरिक्त कर्मचारियों को रखा जाएगा। कुल लगभग साढ़े 22 हजार कर्मचारियों की फी¨डग हो रही है। यह फी¨डग विभागवार एनआइसी पर की जा रही है। पे बिल से होगा मिलान
इस बार कार्मिकों की संख्या विभागवार मांगी गई है। सूची आने के बाद जिला सूचना विज्ञान द्वारा पे बिल से कार्मिकों का डाटा बेस मिलाया जाएगा। यदि डाटा में कोई भी कर्मचारी का नाम कम दर्शाया गया तो संबंधित अधिकारी पर एफआइआर और निलंबन की कार्रवाई होगी। यह चुनाव आयोग का सख्त निर्देश है। पिछले चुनाव में पुरुषों को महिला के सॉफ्टवेयर में फीड कर ड्यूटी काट दी थी। यह खेल लंबे पैमाने पर हुआ। प्रशासन को तब पता चला जब चुनाव बीत चुका था। देना होगा प्रमाण पत्र : चुनाव आयोग के सर्वर पर कार्मिकों की संख्या फीड की जाएगी। यदि कोई अधिकारी किसी भी कर्मचारी का नाम सर्वर पर फीड नहीं करता है तो उन्हें कारण का प्रमाण पत्र देना होगा। यदि दिव्यांग, सेवानिवृत्त, किसी का तबादला हो चुका है, या किसी की गंभीर बीमारी है तो प्रमाण पत्र देना होगा। इन प्रमाण पत्रों की जांच के बाद ही कार्मिक या अधिकारी को छूट मिल सकेगी।