गांवों में गंदगी, पनप रहीं मच्छर जनित बीमारियां
-संचारी रोग अभियान का गांवों में नहीं दिख रहा असर
बाराबंकी : संचारी रोगों से निपटने के लिए चलाया जा रहा अभियान कागजी साबित हो रहा है। गांवों में गंदगी की भरमार और गंदगी से बजबजाते नाले-नालियां संक्रामक रोगों के पनपने में मददगार साबित हो रही हैं। मच्छर जनित व जल जनित बीमारी का खतरा कई गांवों में बना हुआ है। इन सबके बावजूद कई जगहों पर दवा का छिड़काव हुआ है और न ही दवा का वितरण हुआ है। पेश है रिपोर्ट-
दरियाबाद : बीरापुर, पतुलकी, तेलमा, सुरजवापुर, मथुरानगर में गंदगी की भरमार है। पतुलकी के कौशलेंद्र सिंह बतातें हैं गांव में गंदगी है। दवा छिड़की गई न दवा का वितरण हुआ है। जबकि पिछले साल भी लोग डायरिया व खसरे की चपेट में आए थे। घर-घर पुष्टाहार अभी नहीं पहुंच सका है। सुरजवापुर के संजय शर्मा बताते हैं कि दस दिन पहले दवा खिलाई गई है। गांव में दवा का छिड़काव कभी नहीं हुआ है।
अपर शोध अधिकारी परिवार कल्याण आरपी वर्मा ने बताया कि 513 लोगों का टीकाकरण हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक एएनएम, आशा की टीम गांव-गांव पहुंच दवा वितरण कर रही है। त्रिवेदीगंज : अभियान के बाद भी गांवों की साफ-सफाई पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ग्राम खैराकनकू हॉटस्पाट घोषित है। ग्रामीण दिनेश कुमार, मुरारीलाल, संगीता, वीरेन्द्र, गुरुप्रसाद सुमन, रमाकान्त, आशाराम आदि का कहना है कि गांव में न किसी दवा का छिड़काव कराया गया न ही संचारी रोग की दवा का वितरण हुआ है। सिर्फ पुष्टाहार मिलता है। इसके अलावा दुंदीपुर, लदई का पुरवा, रौनी, मंझूपुर, जरौली आदि गांवों में भी आशा व एएनएम की ओर से दवा का वितरण नहीं किया गया है। सूरतगंज कस्बे में चौराहे के साथ ही गलियों में सफाई अभियान कागजों पर नजर आ रही है। यहां खुजली की बीमारी अधिक फैली है।
सीएचसी प्रभारी डॉ.राजर्षि त्रिपाठी ने बताया कि 878 टीके क्षेत्र के गांव में लगाएं जा चुके हैं। सिद्धौर के ग्राम पंचायत रायपुर में सफाई व्यवस्था पुष्टाहार वितरण संचारी रोग की दवाई कराने का दावा हवा हवाई साबित हो रहा है। टीकाकरण, पुष्टाहार, सफाई व्यवस्था मात्र कागजों पर हो रहा है। इनसेट: 11 विभाग संचारी रोग अभियान में शामिल हैं। कार्यक्रमों का जो लक्ष्य है उसमें साफ-सफाई भी शामिल हैं। खेतों में पानी में रुक जाने से मच्छरों का प्रकोप हो जाता है। साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। लापरवाही अगर बरती जा रही है तो समीक्षा के दौरान संबंधित विभाग के अधिकारी को जानकारी दी जाएगी।
डॉ. डीके श्रीवास्तव, संचारी रोग अभियान नोडल अधिकारी