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जेल की दीवार में सेंध, प्रशासन बेखबर

वी. राजा, बाराबंकी : उम्मीद रिहाई अब जाग उठी है, सुना है कोई दीवार गिरी है इधर'' ि

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Aug 2017 11:37 PM (IST)Updated: Tue, 22 Aug 2017 11:37 PM (IST)
जेल की दीवार में सेंध, प्रशासन बेखबर
जेल की दीवार में सेंध, प्रशासन बेखबर

वी. राजा, बाराबंकी : उम्मीद रिहाई अब जाग उठी है, सुना है कोई दीवार गिरी है इधर'' किसी शायर की यह पंक्ति प्रदेश की राजधानी से सटे जिला कारागार पर वर्तमान समय में बिलकुल सटीक बैठ रही है। जिला कारागार की बाहरी दीवार में सेंध लगी है और कारागार अधिकारियों को इसके बारे में पता ही नहीं है। शायद किसी बड़ी घटना का इंतजार कारागार प्रशासन कर रहा है।

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अंग्रेजों के जमाने की जेल की मंझपुरवा गांव की तरफ की सात फिट की दीवार में किसी ने सेंध लगा दी है। ताज्जुब तो इस बात का है कि कारागार प्रशासन को दीवार में सेंध के बारे में पता तक नहीं है। जबकि दीवार के भीतर कृषि व अन्य कार्य से संबंधित कैदियों का यहां तक आना जाना रहता है। ऐसे में अगर कोई कैदी यहां से भाग जाए तो कोई बड़ी बात नहीं होगी। जेल की एक दीवार में सेंध लगने से कारागार की पुख्ता सुरक्षा की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

1200 से अधिक कैदी है बंद: जेल सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हाई सिक्योरिटी बैरक में करीब छह से अधिक खतरनाक कैदी बंद है। कारागार में कुल 1205 कैदी निरुद्ध है। जिसमे से प्रशासनिक आधार पर सुलतानपुर जेल से स्थानांतरित अपराधी पंकज ¨सह, टेरा ¨सह, के अलावा इजहार सहित कई अन्य कैदी यहां निरुद्ध हैं। यह सभी कैदी हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। वर्ष 1861 में स्थापित हुई इस जेल में सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर यहां पर मात्र 65 बंदीरक्षकों की तैनाती है। जबकि सौ से अधिक बंदीरक्षकों की तैनाती होनी चाहिए।

22 फिट से ऊंची दीवार अभी तक नहीं हो सकी हैंडओवर : वर्ष 2013 में जेल की नई दीवार तो तैयार हो गई, लेकिन उसको आजतक कार्यदायी संस्था की ओर से हैंडओवर नहीं कराया जा सका है। कारण दीवार निर्माण में अनियमिता पाया जाना था। चार माह पूर्व तत्कालीन जेल अधीक्षक आलोक ¨सह ने कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम को पत्र लिखा था।

इनसेट : मुझे जेल की दीवार टूटी है इस संबंध में जानकारी नहीं है। पता लगवाऊंगा। नई दीवार 22 फिट से ऊंची जो बनी है। वहीं मुख्य दीवार है। सुरक्षा की व्यवस्था चाक चौबंद है।

उमेश ¨सह, कारागार अधीक्षक, जिला कारागार, बाराबंकी


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