मोदी को भेंट होगा बाराबंकी का भगवा गमछा
- लखनऊ में प्रधानमंत्री के समक्ष होगी बुनकर उत्पादों की ब्रां¨डग - बाराबंकी से राष्ट्रीय व अ
- लखनऊ में प्रधानमंत्री के समक्ष होगी बुनकर उत्पादों की ब्रां¨डग
- बाराबंकी से राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार में दो हजार करोड़ का व्यापार
नरेन्द्र मिश्र, बाराबंकी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रॉडक्ट' में बाराबंकी से शामिल बुनकरों के उत्पाद स्टोल (गमछा) को अब प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष ब्रां¨डग किए जाने की तैयारी है। यहां तैयार होने वाला भगवा गमछा मोदी के लखनऊ आगमन पर उन्हें भेंट करने की अनुमति मांगी गई है। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के प्रांतीय वरिष्ठ मंत्री प्रदीप कुमार जैन ने यह आग्रह मुख्यमंत्री से डीएम के माध्यम से किया है।
बाराबंकी में बनने वाले नायाब बुनकर उत्पाद राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय बाजार में छाए हुए हैं। यही वजह है कि जिले से बुनकर उत्पाद का सालाना टर्नओवर करीब दो हजार करोड़ रुपये का है। गत वर्ष जुलाई 2017 में बुनकर उत्पादों पर भी जीएसटी लागू किए जाने के बाद बुनकर उत्पाद का व्यापार अब नियोजित होने लगा है। जिले के प्रमुख 11 निर्यातक दर्जनभर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हर साल औसतन 560 करोड़ की बिक्री करते हैं। साथ ही नोएडा, दिल्ली, मुंबई, गुजरात के अहमदाबाद, राजस्थान के जयपुर, कोलकाता, बेंगलूरु, बिहार, मध्य प्रदेश, जम्मू, ओड़ीसा की बाजार के लिए यहां से गमछा, स्कॉर्फ, दुपट्टा के अलावा शाल भेजते हैं। जीएसटी में पंजीकृत एक हजार उत्पादक एवं थोक सप्लायर तकरीबन पंद्रह सौ करोड़ रुपये का व्यापार हर साल कर रहे हैं।
एक लाख परिवार करते हैं काम : जिले में एक लाख परिवार बुनकर उत्पादों को तैयार करते हैं। उत्पादक एवं निर्यातक प्रदीप जैन ने बताया कि बुनकर उत्पाद अपनी गुणवत्ता और कुछ अलग डिजाइन होने के नाते विश्वभर में लोकप्रिय हैं। खास बात यह है कि बुनकर उत्पाद तीस से तीन सौ रुपये तक मूल्य के हैं। यही वजह है कि जीएसटी के दायरे में आने के बाद भी बिक्री पर फर्क नहीं पड़ा।
हैंडलूम आधुनिकता की ओर : वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रॉडक्ट में चुने जाने के बाद से उत्पाद आधुनिक और डिजाइनर बन रहे हैं। जैदपुर के उत्पादक सत्तर वर्षीय मुनीस कहते हैं कि अब छोटे बुनकर भी बैंकों की मदद से काम करने लगे हैं। इंटरनेशनल डिजाइन के लिए कंप्यूटराइज्ड लैब तैयार हो रहा है।
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यहां के निर्यातक और उत्पादक बेहतर कार्य कर रहे हैं। जीएसटी में तेजी से पंजीकरण भी हो रहे हैं।
-निरुपमा सक्सेना, उपायुक्त वाणिज्य कर