मोबाइल ऐप से हो सकेगी लाइसेंस और आरसी की जांच
रूश्रढ्डद्बद्यद्ग ड्डश्चश्च, ष्ठरु, क्त्रष्टरूश्रढ्डद्बद्यद्ग ड्डश्चश्च, ष्ठरु, क्त्रष्टरूश्रढ्डद्बद्यद्ग ड्डश्चश्च, ष्ठरु, क्त्रष्टरूश्रढ्डद्बद्यद्ग ड्डश्चश्च, ष्ठरु, क्त्रष्ट
बाराबंकी : डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत हर चीज को हाईटेक और डिजिटल किया जा रहा है। इसी क्रम में इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिक मंत्रालय ने एम-परिवहन नाम की मोबाइल ऐप विकसित की है। इस ऐप के जरिए ड्राइ¨वग लाइसेंस और वाहन के पंजीयन प्रमाण पत्र के इलेक्ट्रानिक रूप को वैधानिक मान्यता दी गई है। इस संबंध में प्रमुख सचिव ने परिवहन आयुक्त और पुलिस महानिदेशक को पत्र जारी किया है।
वाहन चे¨कग के दौरान अगर आप के पास वाहन के मूल दस्तावेज अथवा ड्राइ¨वग लाइसेंस नहीं है तो भी आप चालान से बच सकते हैं। इसके लिए जरूरी होगा कि आपके मोबाइल पर उन दस्तावेज का इलेक्ट्रानिक रूप हो। दरअसल इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिक मंत्रालय ने एम-परिवहन नाम का जो मोबाइल ऐप लॉन्च किया है। इसके जरिए वाहन मालिक अपने लाइसेंस व वाहन पंजीयन प्रमाण पत्र की वर्चुअल कॉपी तैयार कर सकता है। यह कॉपी दिखाने पर पुलिस अथवा परिवहन विभाग के अधिकारी अथवा कर्मचारी इसे मानने को बाध्य होंगे। यही नहीं इसी ऐप के जरिए जांच कर रहे परिवहन अथवा पुलिस विभाग के अधिकारी स्वयं भी चेक कर सकते हैं।
31 जनवरी को प्रमुख सचिव आराधना शुक्ला ने परिवहन आयुक्त और पुलिस महानिदेशक को पत्र जारी कर सुचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के प्रावधानों के अनुसार इलेक्ट्रानिक रूप से रखे गए अभिलेखों को मूल अभिलेख के समान वैधानिक स्वीकार्यता प्रदान की गई है। इसी प्रकार केंद्रीय मोटरयान नियमावली 1989 के नियम 139 में यह प्राविधान किया गया है, कि पुलिस या राज्य सरकार के प्राधिकृत व्यक्ति के मांगे जाने पर चालक अथवा परिचालक वाहन से संबंधित प्रमाण, ड्राइ¨वग लाइसेंस, फिटनेस प्रमाण-पत्र व बीमा आदि प्रस्तुत करेगा। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी पंकज ¨सह ने बताया कि इस ऐप का प्रयोग किया जा रहा है, लेकिन अभी यह पूरी तरह से चलन में नहीं आ सका है।