लोधेश्वर में दिन चढ़ने के साथ चटख होता गया आस्था का रंग
दिन चढ़ने के साथ लंबी लगी कतारों के बीच गूंज रहे हर-हर बम-बम के जयकारे। अनुगूंज में भी लोधेश्वर के मुख्य द्वार पर गणेश जी का अभिषेक।
बाराबंकी, जेएनएन। महाशिवरात्रि पर महादेवा में उत्साह, उल्लास और आस्था का संगम होता दिखा। हर-हर महादेव की सोमवार को भोर से शुरू हुई गूंज देर शाम तक जारी रही। सुदूर क्षेत्र से आने वाले श्रद्धालु जल्द-जल्द से लोधेश्वर महादेव की चौखट तक पहुंचना चाह रहे थे। दिन चढ़ने के साथ लंबी लगी कतारों के बीच गूंज रहे हर-हर बम-बम के जयकारे उनके उत्साह और दोनों हाथ उठाकर बाबा मैं आ गया उल्लास को बयां कर रहे थे। जयघोष की अनुगूंज में भी लोधेश्वर के मुख्य द्वार पर गणेश जी का अभिषेक करने से भक्त नहीं भूल रहे थे। जलाभिषेक के बाद निकास द्वार पर माथा टेकने के साथ ही यह घोष भी मध्यम हो जा रहे थे।
प्रशासन देर रात से शाम तक करीब चार लाख श्रद्धालुओं के जलाभिषेक करने की बात कह रहा है। करीब तीस वर्षों जलाभिषेक करने पहुंच रहे उन्नाव के बीघापुर निवासी बुजुर्ग शिवबरन के चेहरे पर कोई थकान नजर नहीं आई। साथियों के साथ घर वापसी के लिए जाते वक्त बोले बाबा की कृपा है अगले बरस फिर आएंगे। वहीं महराजगंज के तेरह वर्षीय सुमनेश अपने दोस्तों के यहां पहुंचे हैं। वह बताता है कि तीन घंटे लाइन में लगने के बाद जलाभिषेक का मौका मिला। लेकिन, बम भोले के जयकारों और लोधेश्वर के दर्शन के साथ मन को अपार शांति मिली।
जारी रहा जलाभिषेक का कारवां एसडीएम चंद्र प्रकाश पाठक ने बताया कि रविवार की रात बारह बजे से शुरू हुआ जलाभिषेक का सिलसिला सोमवार देर रात तक जारी है। वे करीब चार श्रद्धालुओं के जलाभिषेक करने की बात कहते हैं। मंदिर के पुजारी आदित्यनाथ तिवारी का कहना है कि 24 फरवरी से मंदिर के कपाट खुले हैं सिर्फ पूजन के वक्त करीब आधे घंटे तक बंद किए जाते हैं। तब से शिवभक्त लोधेश्वर का जलाभिषेक करने पहुंच रहे हैं। महाशिवरात्रि पर करीब पांच लाख भक्तों ने अभिषेक किया है। मंगलवार से तय समयानुसार मंदिर के कपाट खुलेंगे और बंद होंगे।