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सिल्ट से पटी इब्राहिमपुर माइनर, पानी को तरसे खेत

नहर की कहानी-किसानों की जुबानी -सफाई न होने से पंपिग सेट से सिचाई की मजबूरी

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 11:36 PM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 06:06 AM (IST)
सिल्ट से पटी इब्राहिमपुर माइनर, पानी को तरसे खेत
सिल्ट से पटी इब्राहिमपुर माइनर, पानी को तरसे खेत

बाराबंकी : ग्राम बुधियापुर से कल्याणी नदी तक करीब आठ किमी की परिधि में बनी इब्राहिमपुर माइनर की सफाई कई साल से नहीं हुई। ऐसे में माइनर सिल्ट से पटी हुई है। किसान नहर के किनारे बोरिग कराकर पंपिग सेट से खेतों की सिचाई करने को विवश हैं। नहर का पानी न मिलने से खेती की लागत बढ़ जाती है। बुधियापुर, इब्राहिमपुर, असोहना, पहपटपुर, मझगवां व बरोलिया आदि गांवों के किसान प्रभावित हैं।

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माइनर की सफाई 15 नवंबर से पहले हो जानी चाहिए थी लेकिन अभी तक कुछ नहीं हो सका। ऐसे में बिना सफाई यदि पानी छोड़ा गया तो माइनर का पानी फसलों के लिए बर्बादी का कारण भी बनेगा।

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माइनर के किनारे खेतों की सिचाई पंपिग सेट से करने के लिए बोरिग करानी पड़ी। सरकार ने सिचाई शुल्क माफ कर दिया है लेकिन नहरों की सफाई नहीं करवा रही। पंपिग सेट से सिचाई कर धान की फसल तैयार की। अब रबी की फसलों के लिए भी पंपिग सेट का सहारा है।

-सरजूलाल, इब्राहिमपुर

नहरें सिल्ट से पटी हुई हैं। पंपिग सेट से सिचाई कर गन्ना व धान जैसी फसलें की सिचाई करके आय दोगुनी करने की संकल्पना को साकार नहीं किया जा सकता है। मेंथा के लिए भी अब नहर में पानी का रोस्टर बन गया है लेकिन जब सफाई ही नहीं हो रही तो पानी कहां से आए?

-कौशल किशोर सरकार भले ही नहरों के पानी का थोड़ा शुल्क ले ले लेकिन नहरों की नियमित सफाई होती रही। समय पर पानी मिलता रहे तो खेती आसान हो जाएगी। सिचाई मुफ्त मिलने की बात कही जा रही है, लेकिन जब पानी ही न आए तो यह सुविधा किस काम की।

-घनश्याम इस समय रबी की फसलों की बोआई के खेतों को पलेवा करने का काम चल रहा है। इसके लिए पानी सबसे अहम जरूरत है लेकिन इस समस्या की ओर किसी जनप्रतिनिधि का ध्यान नहीं दिया है।

-रामप्रकाश -----------------------

माइनर की सफाई का टेंडर हो गया है। जल्द ही सफाई शुरू करा दी जाएगी।

-नरेंद्र कुमार, सहायक अभियंता


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