केला-मेंथा से मालामाल हो रहे किसान
बाराबंकी : केला और मेंथा की खेती से जिले के किसान मालामाल हो रहे हैं। किसानों की आय
बाराबंकी : केला और मेंथा की खेती से जिले के किसान मालामाल हो रहे हैं। किसानों की आय दोगुनी करने में इन फसलों की अहम भूमिका है। जिले में करीब एक लाख हेक्टेयर में 80 फीसदी किसान मेंथा की खेती करते हैं। एक हेक्टेयर में मेंथा ऑयल का औसत उत्पादन करीब 125 किलो है। इस बार मेंथा ऑयल 15 सौ से 18 सौ रुपये प्रति किलो की दर से बिका। बुधवार को भी मेंथा का भाव 17 सौ रुपये किलो रहा। जबकि पिछले साल औसत भाव आठ सौ से 11 सौ रुपये किलो तक ही पहुंचा था।
मेंथा ऑयल का अच्छा भाव मिलने से किसानों के चेहरे खिले हुए हैं। मेंथा की खेती करने वाले बरेहटा के किसान राजेश कुमार का कहना है कि पिछले वर्ष एक हजार रुपये किलो का ही भाव मिल पाया था। इस बार 18 सौ रुपये किलो मेंथा बिकने से गरीबी दूर हो गई है। नवीन मंडी सचिव धनंजय ¨सह का कहना है कि अक्टूबर तक मेंथा की मंडी ऑयल बिक्री तेज रहेगी। इसके बाद ही अंदाजा लगाया जा सकेगा कि कितना मेंथा ऑयल बिका। पिछले साल करीब पांच करोड़ मंडी शुल्क ही मिला था। इस बार मंडी शुल्क भी बढ़ेगा। केला की खेती हुई लाभकारी : केला की खेती भी किसानों के लिए लाभकारी साबित हो रही है। जिले में इस बार करीब छह हजार हेक्टेयर में केला की खेती हो रही है। हरख ब्लॉक के दौलतपुर में केला की खेती के जादूगर कहे जाने वाले रामसरन वर्मा के खेतों में 10 इंच तक का केला पैदा हुआ है। इसे खरीदने के लिए नामचीन कंपनियों के प्रतिनिधि उनके खेतों में पहुंच रहे हैं। रामसरन वर्मा का कहना है कि उनका केला इस बार 13 रुपये प्रति ¨क्वटल तक बिक रहा है। एक एकड़ में दो लाख रुपये तक आमदनी हो रही है। अन्य किसान भी केला की खेती से लाभ कमा रहे हैं। दौलतपुर के आसपास के गांवों टेसुआ, बरबसौली, बलछत, उधवापुर, मोहना, कटरा, खुशहालपुर, मिर्जापुर, तकिया, बरायन, सिद्धौर ब्लॉक के मुरलीगंज, रसूलपुर, पत्थरपुरवा, चांदूपुर, इनायतपुर, सोहावां, चियारा, त्रिवेदीगंज ब्लॉक के तेजवापुर, मंगलपुर, अखैयापुर आदि गांवों में भी केला की खेती ने किसानों की आमदनी बढ़ाई है।