हमार बप्पा कब जेल से निकलिहैं
बाराबंकी प्रदेश की राजधानी से जिले की जेल में प्रतिदिन कोई न कोई बंदी के परिवारीजन अपनों से मिल
बाराबंकी
प्रदेश की राजधानी से जिले की जेल में प्रतिदिन कोई न कोई बंदी के परिवारीजन अपनों से मिलने आते हैं। उनकी आंखों में अपनों से मिलने व उनकी रिहाई की आस दिखती है। कई ऐसे परिवारीजन हैं जिन्हें यहीं नहीं पता कि उनके अपने किस सजा म ं बंद हैं और कब उनकी रिहाई होगी।
कब छुटिहै हमार बेटवा : सतरिख की रहने वाली वृद्ध कमला सोमवार को जेल में बंद अपने बेटे कुलदीप से मिलने आई थीं। जेल गेट पर खड़े बंदी रक्षकों से पूछती हैं कि हमार बेटवा कब छुटिहै। बातों-बातों में कहती हैं कि हमार बेटवा पांच महीना से बंद है। उका जानबूझकै फंसाय दिया गवा है। फतेहपुर के रमनगरा के गांव के रहने वाला 16 वर्षीय किशोर हिमांशु जेल में बंद अपने पिता राम¨सह से मिलने आया है। वह कहता है हमार बप्पा कब जेल से निकलिहैं, उनका चोरी के मामले में कुछ लोग फसाय दिहिन हैं। चार महिना से अम्मा के साथ इहां दौड़ रहेन है। बंदी संदीप कुमार से मिलने से उसका साला अमित कुमार आया था। वह कहता है कि तीन माह से उसके जीजा संदीप बंद हैं। बड़ेल की रहने वाली शांति देवी अपने दो छोटे-छोटे बच्चों के साथ पति चंद्रिका से मिलने जेल में आई थी। वह कहती है कि कब उसके पति की जमानत होगी नहीं पता। फतेहपुर निवासी अमित से मिलने से उसकी मां श्रीदेवी मिलने आई थी। वह कहती है हत्या के मामले में छह माह से उसका पुत्र अमित बंद है। जो मुख्य आरोपी थे वे छूट गए। मेरे पुत्र को फंसा दिया गया है। पैसा न होने के कारण जमानत नहीं करा पा रहे हैं। बंदी दयाराम के रिश्तेदार रोहित कहते हैं कि देखो दयाराम की रिहाई कब होती है।
बोले जेल अधीक्षक: जेल अधीक्षक आरके जायसवाल का कहना है कि जेल में जिन बंदियों के परिवारीजन मिलने आते हैं। उनसे मुलाकात कार्रवाई जाती है। विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से बंदियों को महत्वपूर्ण जानकारियां भी दी जाती हैं।