प्रशिक्षण प्रमाणपत्र के नाम पर भ्रष्टाचार की जांच शुरू
संवादसूत्र, बाराबंकी : शस्त्र लाइसेंस के लिए पुलिस लाइन से जारी होने वाले प्रशिक्षण प्रमाण पत्र के नाम पर हो रही वसूली के प्रकरण की जांच पुलिस अधीक्षक ने शुरू कराने का आदेश दिया है। एसपी ने इसकी जांच एएसपी को दिया है। दैनिक जागरण ने इस भष्टाचार को उजागर करते हुए प्रमुखता से खबर प्रकाशित की गई थी। खबर का संज्ञान लेते हुए एसपी ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं।
बाराबंकी : शस्त्र लाइसेंस के लिए पुलिस लाइन से जारी होने वाले प्रशिक्षण प्रमाण पत्र के नाम पर हो रही वसूली के प्रकरण की जांच पुलिस अधीक्षक ने शुरू कराने का आदेश दिया है। एसपी ने इसकी जांच एएसपी को दिया है। इस खबर को दैनिक जागरण में 11 जनवरी को ''प्रशिक्षण प्रमाण पत्र के नाम पर पुलिस लाइन में भ्रष्टाचार'' शीर्षक से खबर प्रकाशित हुई थी। इस खबर का संज्ञान लेते हुए एसपी ने जांच शुरू कराई है।
शस्त्र लाइसेंस हासिल करने के लिए अब तक करीब चार हजार आवेदन आ चुके हैं। लाइसेंस प्राप्त करने के लिए होड़ लगी हुई है और हर सीट पर सुविधा शुल्क देकर अपनी फाइल को आगे बढ़ाया जा रहा है। पुलिस लाइन में शस्त्र को प्रयोग व रख रखाव के लिए प्रशिक्षण देने की औपचारिकता पूरी की जा रही है। कागजी खानापूरी कर आवेदकों को सुविधा शुल्क के बदले प्रशिक्षण प्रमाण पत्र जारी कर दिया जा रहा है। जो प्रतिसार निरीक्षक और हेड मुशिफ के हस्ताक्षर से जारी होता है।
पूरे प्रदेश में शिकायत : हालांकि यह शिकायत केवल बाराबंकी में नहीं बल्कि पूरे प्रदेश से आ रही हैं। इस पर पुलिस महानिदेशक ने पूर्व में हुई वीडियो कॉफ्रें¨सग पर इस पर एतराज जताया था। लेकिन, डीजीपी ने शिकायत 50-100 रुपये लेने की थी, जबकि बाराबंकी में यह रकम 15 सौ रुपये तक है। जो एक गंभीर विषय है।