पुलिस अधिकारियों की लापरवाही से इंटरनेट की रफ्तार पर ब्रेक
बाराबंकी पुलिस विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से विभाग में इंटरनेट गति नहीं पकड़ पा रहा है। गति बढ़ाने के लिए मांगी गई डिटेल तय समय पर उपलब्ध नहीं कराई गई। इसके चलते स्पीड अपग्रेडेशन का कार्य शुरू नहीं हो सका है।
बाराबंकी : पुलिस विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से विभाग में इंटरनेट गति नहीं पकड़ पा रहा है। प्रत्येक जिले में 100 मेगाबाइट प्रति सेकेंड (एमबीपीएस) इंटरनेट सेवा का खाका तैयार कर सभी जिलों से व्यय का आकलन करते हुए रिपोर्ट मांगी गई थी। यह रिपोर्ट एक सप्ताह में देनी थी लेकिन एक माह बाद भी यह रिपोर्ट नहीं पहुंच सकी है, जिससे इंटरनेट की गति नहीं बढ़ पा रही है।
प्रत्येक जिला स्तर पर 100 एमबीपीएस और क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) के अन्य कंप्यूटरों के लिए 10 एमबीपीएस की इंटरनेट डाटा कनेक्टिविटी देना अप्रैल 2019 को उच्च स्तरीय कमेटी की बैठक में तय हुआ था। इसमें यह भी निर्धारित हुआ था कि इस पर आने वाले व्यय का भार विभाग ही वहन करेगा। इस संबंध में अपर पुलिस महानिदेशक तकनीकी सेवाएं ने वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए सभी जिलों को निर्देशित किया था। वहीं छह जून तक एक सप्ताह में इसमें होने वाले व्यय का आकलन करते हुए सभी कर सहित वित्तीय रिपोर्ट तकनीकी विभाग को भेजी जानी थी, पर एक माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी जिलों से यह विवरण नहीं जा सका है। इससे यह योजना अधर में लटकी हुई है।
यूपी पुलिस कंप्यूटर केंद्र के पुलिस अधीक्षक व सहायक निर्देशक शहाब रशीद खान ने सभी एसपी को पत्र भेजकर आकलन की यह रिपोर्ट एक सप्ताह में मांगी है। इसका पत्र उन्होंने सभी एसपी को भेजा है, जिससे जल्द से जल्द रफ्तार बढ़ सके।