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प्रवासियों को अपनाने को आइआइए तैयार तैयार

जिले में संचालित फैक्ट्रियों के श्रमिक जाने के बाद नहीं लौटे है। ऐसे स्थानीय प्रवासियों को काम देंगे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Jun 2020 11:53 PM (IST)Updated: Sun, 07 Jun 2020 11:53 PM (IST)
प्रवासियों को अपनाने को आइआइए तैयार तैयार
प्रवासियों को अपनाने को आइआइए तैयार तैयार

बाराबंकी : लॉकडाउन में बंदी के चलते जिले की फैक्ट्रियों से गए श्रमिकों का दोबारा आगमन नहीं हो पा रहा है। दूसरे राज्यों की बात तो दूर स्थानीय श्रमिक भी कोरोना संक्रमण समाप्त होने पर ही दोबारा फैक्ट्री में जाने की बात कह रहे हैं। ऐसे में फैक्ट्री संचालकों के सामने समस्या बढ़ गई है।

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जिले के कुर्सी रोड औद्योगिक क्षेत्र में करीब एक सैकड़ा औद्योगिक इकाइयां हैं। इंडियन इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल दीप ने बताया कि उनकी नमकीन की फैक्ट्री में एक बिहार व एक बनारस का श्रमिक काम करता था। दोनों अभी वापस नहीं आ रहे। हालांकि मना नहीं किया है। जो श्रमिक काम कर रहे हैं वह घर नहीं गए थे। आइआइए के उपाध्यक्ष प्रमित कुमार सिंह ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र की लगभग सभी फैक्ट्रियों में यही हाल है। जो घर गया वह अभी लौटना चाह रहा। मुर्गी का दाना बनाने वाली फैक्ट्री के करीब दो दर्जन श्रमिक जो पल्लेदारी का काम करते थे। उनके नहीं लौटने से बोरों की लोडिग का काम प्रभावित हो रहा है। पल्लेदारी का काम करने वाले लोगों को उपलब्ध कराने के संबंध में जिला उद्योग केंद्र में भी सूचना दी गई है।

प्रवासी श्रमिकों को दिला रहे काम व प्रशिक्षण : आइआइए के उपाध्यक्ष प्रमित कुमार सिंह का कहना है कि सरकार से आइआइए का अनुबंध प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने के लिए हुआ है। अनुबंध के तहत उन्हें जिले का नोडल अधिकारी बनाया गया है। 78 प्रवासियों के साथ अब तक वह बैठक कर चुके हैं। प्रवासियों को स्वरोजगार व फैक्ट्रियों में रोजगार परक प्रशिक्षण भी दिलाया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि दो इलेक्ट्रीशियन, दो टेलर कटिग, दो पानी वर्क का काम करने वाले श्रमिकों को सेवायोजित भी करा दिया है, पर अधिकांश प्रवासी कोरोना संक्रमण काल पूरी तरह से समाप्त होने पर ही काम करने की बात कह रहे हैं।

इनसेट- यह बात सही है कि जो भी श्रमिक अपने घरों को गए वह लौटकर नहीं आ रहे हैं। इससे उद्योग प्रभावित न हो इसीलिए बाहर से लौटे श्रमिकों को काम दिलाने दायित्व आइआए ने लिया है। इसका फायदा यह होगा कि जो श्रमिक गए हैं उनकी जगह प्रवासी श्रमिकों को काम मिलेगा। आइआइए उद्यमियों से श्रमिकों की डिमांड भी ले रहा है।''

उमेश चंद्र, उपायुक्त जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केंद्र बाराबंकी


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