तबादलों की सुनामी में भी डटे रहे धरती पकड़!
-जुगाड़ के आगे फेल हुई डीएम की सख्ती -मनचाही तैनाती पाने में रहे सफल संवादसूत्र, बाराबं
-जुगाड़ के आगे फेल हुई डीएम की सख्ती
-मनचाही तैनाती पाने में रहे सफल
संवादसूत्र, बाराबंकी : लंबे समय बाद आई तबादलों की सुनामी में भी कई ऐसे धरती पकड़ कर्मचारी हैं जिनका जिला मुख्यालय डीएम नहीं छुड़वा पाए। कलेक्ट्रेट से हटाए गए तो उसी परिसर में स्थित तहसील नवाबगंज में तैनाती कराने में सफल रहे।
बता दें कि कलेक्ट्रेट के तीन दर्जन से ज्यादा कर्मचारियों तथा सात दर्जन लेखपालों का तबादला डीएम ने किया है। डीएम की सख्ती के बावजूद उन्हें संबंधित अधिकारी गुमराह करने में सफल रहे। डीएम ने निर्देश दिए थे कि जिला मुख्यालय पर जिनकी तैनाती है उन्हें ग्रामीण अंचल की तहसीलों में व ग्रामीण अंचल वालों को जिला मुख्यालय पर तैनात किया जाए। जिन अधिकारियों के जिम्मे डीएम ने सूची बनाने की जिम्मेदारी दी उन्होंने कुछ खास कर्मचारियों को जिला मुख्यालय से दूर न भेजने के लिए तहसील नवाबगंज का विकल्प तलाश लिया। इनमें कलेक्ट्रेट के खनन लिपिक महेंद्र प्रताप व तहसील नवाबगंज के माल रुद्र प्रताप बाबू का नाम खूब चर्चा में हैं, क्योंकि इन दोनों को एक-दूसरे की जगह तैनाती दी गई है। इसी तरह गुरुसहाय निगम भी कलेक्ट्रेट से नवाबगंज तहसील में तैनाती पा गए। ऐसे में इन्हें तबादले से कोई फर्क नहीं पड़ा। तबादले से आहत एक कर्मचारी ने कहा कि जुगाड़ वालों के लिए विकल्प तलाश लिया गया, जबकि अधिकारियों की लापरवाही तबादले में इस कदर रही कि शासनादेश के बावजूद दिव्यांग लिपिक अजय वर्मा का तबादला सिरौलीगौसपुर कर दिया गया। जिसकी जानकारी डीएम को हुई तो उन्होंने संसोधित किया।
बढ़ रहे प्रत्यावेदन : कलेक्ट्रेट के कर्मचारियों के तबादले की सूची बनाने में की गई लापरवाही के चलते न सिर्फ सवाल उठ रहे हैं बल्कि प्रत्यावेदन की संख्या भी बढ़ रही है। एक दर्जन कर्मचारियों ने प्रत्यावेदन देकर पुनर्विचार की मांग की है। डीएम उदयभानु त्रिपाठी का कहना है कि उन्होंने पहले ही कह दिया है कि जिन कर्मचारियों की समस्या जायज है उनके प्रत्यावेदन पर विचार किया जाएगा।