कागजों में हरियाली, धरा रह गई खाली
अनुरक्षण कार्य के अभाव में कागजी साबित हो रहा पौधारोपण अभियान
आओ हरियाली बचाएं, वृक्ष रोपकर कीजिए धरती का श्रृंगार जैसे स्लोगन पौधारोपण को प्रोत्साहित करते हैं। विभिन्न विभागों की ओर से पौधारोपण का दावा भी किया जाता है, जोकि महज कागजों तक ही सीमित रहता है। पहले तो शत प्रतिशत पौधे रोपे ही नहीं जाते हैं और जो रोपे भी जाते हैं वे देखरेख के अभाव में पनप नहीं पाते हैं। जागरण टीम ने मंगलवार को दरियाबाद क्षेत्र के नगर पंचायत, प्राथमिक विद्यालय और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बीते वर्ष रोपे गए पौधों की पड़ताल की तो महज दस फीसद पौधे ही जीवित मिले। हालांकि संबंधित विभाग पौधों की प्रजातियों का आंकड़ा भी नहीं बता सके। इनकी ठीक से देखभाल होती तो निश्चित ही यह पौधे धरती का श्रृंगार करने में सहायक बनते। प्रस्तुत है राहुल जायसवाल की रिपोर्ट..
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²श्य एक : दरियाबाद नगर पंचायत के लिपिक मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले वर्ष 500 पौधे रोपने के लिए वन विभाग ने दिए थे। इसमें कदंब, गुलमोहर और अमरूद के पौधे थे। नगर प्रशासन ने टाउन की सभी सड़कों, नहर की पटरी व दानाशाह मार्ग पर पौधे रोपित किए। ट्री गार्ड भी कुछ पौधों की सुरक्षा के लिए लगाया गया। यहां पर वर्तमान समय में बमुश्किल 50 पौधे ही बच पाएं हैं। इनमें सागौन, कदंब, पाकड़ है।
²श्य दो : शिक्षा विभाग के प्राथमिक विद्यालय में पौधारोपण कराया गया था। प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय मियागंज में कुल 26 पौधे रोपे गए थे। इनमें से महज छह पौधे ही बच पाए हैं। इनमें शीशम, सागौन, चितवन के पौधे रोपित हुए थे। राष्ट्रपति पुरस्कार सम्मानित शिक्षक आशुतोष आनंद अवस्थी ने बताया कि यह पौधे भी तब बच पाए जब सुरक्षा के लिए ट्री गार्ड लगाए गए थे। इनके मुताबिक पिछले वर्ष अनुपयोगी पौध लगाए गए थे।
²श्य तीन : दरियाबाद में स्वास्थ्य विभाग को पाकड़, पीपल, अमरूद, जामुन के 500 पौध मिलें। इनमें 200 सीएचसी मथुरानगर व 300 पीएचसी समेत उपकेंद्र पर लगवाए गए थे। इनमें से सीएचसी में बमुश्किल 20 पौध ही बच सके हैं। इनमें एक पीपल, कदम्ब, अमरूद आदि शामिल है। यहां भी पौध की सुरक्षा की व्यवस्था धन के अभाव में नहीं हुई। -----------------
'''' पौधारोपण के बाद उनकी सुरक्षा व देखभाल की जिम्मेदारी जनसामान्य को भी समझनी चाहिए। कोई भी अभियान जनसामान्य की भागीदारी बगैर सफल नहीं होता। काफी पेड़ जीवित बचते हैं। वन विभाग को रोपित पौधों की देखभाल के लिए लगातार निरीक्षण करते रहने को निर्देशित किया गया है। पेड़ों की नुकसान पहुंचाने वालों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए भी कहा गया है। पौधों की सुरक्षा के इंतजाम कराएं जाएंगे।''''
राजीव कुमार शुक्ला, एसडीएम, रामसनेहीघाट।