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कल्याणी तट से पर्यावरण संरक्षण का संदेश देंगी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

आज करेंगी पौधारोपण दिनभर तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा रहा प्रशासन

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 12:47 AM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 06:01 AM (IST)
कल्याणी तट से पर्यावरण संरक्षण का संदेश देंगी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल
कल्याणी तट से पर्यावरण संरक्षण का संदेश देंगी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

बाराबंकी : राज्यपाल आनंदीबेन पटेल सोमवार को कल्याणी तट पर पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देंगी। इससे पहले भी वह जब जिले के दौरे पर आई हैं तो उनकी प्राथमिकता में पर्यावरण संरक्षण ही रहा है। उन्होंने पहले जहां सिगल यूज प्लास्टिक का बहिष्कार करने का लोधेश्वर महादेव की धरती से आह्वान किया था। वहीं, कुपोषण प्रभावित बच्चों को गोद लेने की अपील जन सामान्य से कर चुकी हैं। इतना ही नहीं पद्मश्री रामसरन वर्मा के कृषि फार्म पर फरवरी माह में आयोजित 'खेती की बात खेत पर राष्ट्रीय तकनीक सम्मेलन' में वह जैविक और तकनीकी खेती का अपनाने पर जोर दे चुकी हैं। कल्याणी पुनरोद्धार में प्रवासी श्रमिकों की भूमिका की 28 जून को मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सराहना कर चुके हैं। दैनिक जागरण में इस आशय की प्रकाशित खबर को पीएमओ ने 29 जून को ट्वीट भी किया था। इसके बाद राज्यपाल का कल्याणी तट पर आना काफी अहम माना जा रहा है।

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मौलश्री या बरगद का पौधा रोपेंगी राज्यपाल : राज्यपाल आंनदीबेन पटेल करीब 11 बजे सड़क मार्ग से होलीपुरवा मजरे मवैया पहुंचेगी। वह यहां पौधारोपण में औषधीय और छायादार पौधों को प्राथमिकता देंगी। वह मौलश्री या बरगद का पौधा रोप सकतीं हैं। मौलश्री का पौधा सिर दर्द, गर्भाशय की शिथिलता, पेट संबंधी रोगों के लिए उपयोगी है। यहां राज्यपाल के आगमन से पहले ही करीब दस बजे वन मंत्री दारा सिंह चौहान पहुंच जाएंगे।

कल्याणी का देखा प्राकृतिक स्वरूप, मुहिम को सराहा

कल्याणी तट पर प्राकृतिक स्वरूप में नदी को देखने रविवार को काफी संख्या में लोग पहुंचे और जागरण की मुहिम और जिला प्रशासन के प्रयासों को सराहा। सिसवारा के सिद्धनाथ मिश्रा ने कहा कि दैनिक जागरण ने मुहिम चलाकर नदी के प्रति प्रशासन का ध्यान आकृष्ट किया और पुनरोद्धार कार्य शुरू हुआ। साथ ही नदी को राष्ट्रीय गौरव भी हासिल हुआ है। अब उम्मीद है कि पूरी नदी का प्राकृतिक स्वरूप बहाल होगा। गौरतलब है कि कल्याणी नदी के पुनरोद्धार को लेकर दैनिक जागरण ने वर्ष 2011 में मुहिम शुरू की थी। यह कल्याणी तट से व्यापक स्तर पर चलाए गए अभियान से लेकर तीन मार्च को पुनरोद्धार शुरू होने के बाद भी जारी है।

सड़कों की दिनभर होती रही मरम्मत

विशुनपुर : राज्यपाल के आगमन के मद्देनजर पीडब्ल्यूडी विभाग का अमला जर्जर सड़क की मरम्मत में जुटा रहा। करीब पांच किलोमीटर लंबा विशुनपुर-मवैया मार्ग पर कई स्थानों पर गड्ढे हैं। बस्तियों के निकट कई जगहों पर नालियों का पानी सड़क पर बह रहा है। अवर अभियंता सनी सिंह की देखरेख में गड्ढों की पैचिग के साथ ही सड़क के किनारे की झाड़ियों को काटने का काम शुरू हुआ। बड़े गड्ढों को भरने के साथ ही पुलियों को रंगने और पटरियों की मरम्मत का काम देर शाम तक चलता रहा। वहीं, मार्ग पर करीब एक दर्जन मानक विहीन ब्रेकर अभी भी बने हैं। तैयारियों को दिया गया अंतिम रूप

विशुनपुर : प्रशासनिक अमला देर शाम तक तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा रहा। मनरेगा के 350 श्रमिक रास्ता, खड़ंजा और पौधारोपण के लिए गड्ढे खोदने में लगे थे। प्रस्तावित स्थल पर बैरीकेडिग करने का काम भी जारी था। पास ही खाली पड़ी जमीन पर समूह की महिलाओं ने लेमन ग्रास की रोपाई की। नदी के पास अमरूद, कंजी, शीशम, जामुन और कई अन्य प्रजाति के पौधों की रोपाई का काम जारी था। बीडीओ हेमंत कुमार और एडीओ प्रदीप द्विवेदी लगातार पर्यवेक्षण कर रहे थे। उधर, विधायक साकेंद्र प्रताप वर्मा, डीएम डॉ आदर्श सिंह, एसपी डा. अरविंद चतुर्वेदी, डीएफओ एनके सिंह, एसडीएम पंकज सिंह, दिव्यांशु पटेल सहित वन विभाग और विकास विभाग के अधिकारियों ने तैयारियों का जायजा लिया और आवश्यक निर्देश दिए।

तट पर रोपे गए 1800 पौधे : वन विभाग के रेंजर रमेश चंद्र भट्ट ने बताया कि कल्याणी तट पर रविवार की शाम तक 1800 पौधे रोपे जा चुके हैं। साथ ही किसानों ने अपने खेतों में करीब ढाई हजार पौधे रोपे हैं।


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