स्वदेशी नस्लों को बढ़ावा देंगे गोकुल गांव
गोकुल योजना में पशुओं में अनुवांशिक सुधार और इनकी संख्या में वृद्धि करने की मुहिम है।
बाराबंकी : राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत अब जिले के 800 गांव चुने जाएंगे। गांवों में दुग्ध उत्पादन के लिए दुधारू पशुओं के स्वदेशी नस्ल सुधार कार्यक्रम होंगे। लोगों को रोजगार से जोड़ने की कवायद शुरू होगी। गायों और भैंसों में उच्च नस्ल का गर्भाधान होगा। आदेश आते ही जिले की 1166 ग्राम पंचायतों में 800 ग्राम पंचायतों का चयन शुरू कर दिया गया है। उन ग्राम पंचायतों को चुनने में प्राथमिकता होगी, जहां पहले से दुग्ध सहकारी समितियां संचालित हो रही हैं।
गाय या भैसों में उच्च नस्ल का सीमेन डाला जाएगा, ताकि दुधारू पशु डेढ़ गुना बढ़ाकर दूध देने लगे। श्वेत क्रांति लाने के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन की शुरुआत हो चुकी है। यह योजना एक अगस्त से प्रभावी होकर 31 मई 2021 तक चलेगी। कृत्रिम गर्भाधान के लिए 50 प्रतिशत विदेशी साड़ों के रक्त से तैयार सीमेन होगा। हर गांव में यह मुफ्त में पशुओं को सीमेन चढ़ाया जाएगा। हर जिले में डेढ़ लाख दुधारू पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान की योजना है। गांवों का चयन 15 जुलाई तक करके शासन को सूची भेजनी होगी।
यह मिलेगा किसान और पशुपालकों को फायदा : मिशन के तहत सरकार देसी नस्ल के दुधारू पशुओं को बढ़ावा देकर दूध के उत्पादन को बढ़ाना है। दूध उत्पादन, जैविक खाद, केचुवा खाद, घरेलू खपत के लिए बॉयोगैस से बिजली का उत्पादन प्रशिक्षण दिया जाएगा। अभी तक पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान के लिए 30 रुपये प्रति पशु लिए जाते थे, लेकिन अब यह मुफ्त में गर्भाधान होगा।
' केंद्र सरकार ने स्वदेशी गायों के संरक्षण एवं उनके नस्लों के विकास को वैज्ञानिक विधि से प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से योजना शुरू कर दी है। पशुओं में अनुवांशिक सुधार एवं पशुओं की संख्या वृद्वि हो सके। दूध उत्पादन एवं उत्पादनकर्ता बढ़ावा भी देना है। जिले में आठ सौ ग्राम पंचायतों को गोकुल गांव चुना जाना है। '
डॉ. मार्कंडेय, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, बाराबंकी।