मुकदमा दर्ज, जेल भेजे गए जालसाज शिक्षक
मुकदमा दर्ज जेल भेज गए जालसाज शिक्षकमुकदमा दर्ज जेल भेज गए जालसाज शिक्षकमुकदमा दर्ज जेल भेज गए
बाराबंकी : एसटीएफ ने विकास भवन मोड़ से पिता और पुत्र को गिरफ्तार किया था। यह शिक्षक फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी कर रहे थे। नगर कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपितों को जेल भेज दिया है। गोरखपुर के रखने वाले गिरजेश त्रिपाठी उर्फ जयकृष्ण त्रिपाठी और उनका पुत्र रवि शंकर त्रिपाठी फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी कर रहे थे। यह ऐसे शिक्षक थे, जो दूसरों को भी नौकरी दिलाते थे। फर्जी दस्तावेज खुद तैयार करते थे। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ राजीव नारायण मिश्र को जानकारी हुई कि फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी कर रहे हैं। पिता दूसरे की फोटो लगाकर नौकरी कर रहे थे पुत्र भी दूसरे के नाम से सहायक अध्यापक बने थे। इस पर एसएसपी ने एएसपी एसटीएफ सत्यसेन को बेसिक शिक्षा विभाग में जांच शुरू करने का आदेश दिया। टीम के साथ इन्होंने ने बाराबंकी के विकास भवन मोड़ के पास से गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ के निरीक्षक विजेंद्र शर्मा ने बताया कि पकड़े फर्जी शिक्षक पिता और पात्रों ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है। नगर कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया गया है। नगर कोतवाली धर्मेंद्र सिंह रघुवंशी ने बताया कि धोखाधड़ी, आमनत में खयानत आदि गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। रविवार को दोनों आरोपितों को जेल भेज दिया गया है।
इनसेट : शिक्षा विभाग का कौन लेता था पैसा?
एसटीएफ ने पर्दाफाश किया है कि पिता ने दो लाख और पुत्र ने चार लाख रुपये देकर नौकरी पाई थी, लेकिन एसटीएफ उन बड़े अफसरों का नाम पता नहीं कर पाई, जो पैसा लेते थे। हालांकि एसटीएफ अब इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है कि बेसिक शिक्षा विभाग निदेशालय में कौन से अधिकारी हैं, जो नौकरी दिलाने का गिरोह संचालित कर रहे हैं। कौन है अशोक सिंह?
जेल जाते समय आरोपित गिरजेश त्रिपाठी ने बताया कि अशोक सिंह है, जो आपराधिक किस्म का व्यक्ति है, जिसके तार बड़े अफसरों से हैं। मुझे इसलिए फंसाया गया कि मैं बड़े अफसरों के बारे में जान चुका था। हालांकि अब एसटीएफ भी इस अज्ञात व्यक्ति अशोक सिंह की तस्दीक करने में लग गई है।