सावधानियों एवं सर्तकता का पालन कर कोरोना की जीते जंग
-नियमित व्यायाम के साथ हरी सब्जी का किया सेवन
बाराबंकी: वैश्विक बीमारी कोरोना को हराने में डॉक्टरों के योगदान को कोई नकार नहीं सकता। इस संक्रमण के खतरे को नियंत्रित करने में जुटे कोरोना योद्धाओं की वजह से ही हम यह सोच सकते हैं कि आने वाले दिनों में हम और हमारा परिवार पूरी तरह सुरक्षित रहेगा। कोरोना वायरस का संक्रमण जब कोरोना वॉरियर्स को भी अपनी चपेट में ले लेता है तो लोगों में डर फैलना स्वाभाविक है। कुछ दिन पहले जिले के चिकित्सक डॉ. महमूद खान, डॉ. शकील अहमद खान कोरोना संक्रमण के चपेट में आ गए थे। इस दौरान उचित इलाज, परहेज और होम आइसोलेशन में रहकर संक्रमित चिकित्साधिकारी महज दस दिन में कोविड-19 को मात देकर पुन: चिकित्सा सेवा में लग गए हैं।
शुरू की चिकित्सा सेवा: त्रिवेदीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर अधीक्षक के रूप में कार्यरत डॉ. महमूद खान विगत 17 अगस्त को ड्यूटी के दौरान कोरोना पॉजिटिव आ गए। होम आइसोलेशन के दौरान अपने आवास में ही रहकर 10 दिन तक विभाग के सभी कार्य भी देखते रहे। दवा के साथ गरम पानी, काढ़ा, हल्दी दूध और संतुलित आहार लेते रहे। उन्होंने जानकारी दिया कि होम आइसोलेशन के दौरान कोशिश करें की खाने की थाली में ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जी, सलाद और फल हो। सावधानी व सतर्कता से 6 दिन में ही मेरी कोरोना की जांच रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी। उसके बाद से बिल्कुल ठीक महसूस करते हुए सावधानी के साथ पुन: लोगों की सेवा में लग गए। नियमित करें व्यायाम: सिरौलीगौसपुर संयुक्त चिकित्सालय में तैनात चिकित्सक डॉ. शकील अहमद खान बीती 16 अगस्त को पॉजिटिव आए थे। बाद में 20 सितंबर को उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। सरकारी आवास में होम आइसोलेट के दौरान उन्होंने कोविड नियमों का पालन किया। हरी सब्जियों का सेवन किया। गर्म पानी, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काढ़ा का सेवन किया। नित्य सुबह उठकर व्यायाम भी परिसर में किया। आज वे कोरोना जैसी महामारी को हराकर दोबारा चिकित्सा सेवा कार्य में लग गए हैं।