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फर्जी आधार कार्ड से बनाते ठिकाना, छिपाते पहचान

- मूल निवासी कहां के पुलिस नहीं कर सकी ट्रेस - हर बार बदल लेते हैं नाम, पता व पहचान स

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Jun 2018 06:23 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jun 2018 06:23 PM (IST)
फर्जी आधार कार्ड से बनाते ठिकाना, छिपाते पहचान
फर्जी आधार कार्ड से बनाते ठिकाना, छिपाते पहचान

- मूल निवासी कहां के पुलिस नहीं कर सकी ट्रेस

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- हर बार बदल लेते हैं नाम, पता व पहचान

संवादसूत्र, बाराबंकी : पकड़े गए बावरिया गिरोह के छह सदस्यों को पुलिस भले ही खूंखार बता रही हो और दस वारदातों का राजफाश करने का दावा कर रही हो, लेकिन पुलिस न तो उनके आपराधिक इतिहास का पता लगा सकी है और न ही यह पता कर सकी है कि वह मूल निवासी कहां के हैं।

दरअसल यह गिरोह जितना खूंखार है उतना ही शातिर है। सिस्टम की चूक का फायदा उठाते हुए यह लोग किसी भी जिले में अपना नाम, पता बदलकर आधार कार्ड बनवा लेते हैं। जिसके कारण उनके पिछले नाम व पते से आपराधिक इतिहास नहीं मिल पाता है। यही नहीं यह गिरोह और इसके सदस्य कहां के मूल निवासी हैं यह भी पुलिस इसी कारण पता नहीं लगा सकी है। बदमाशों के नाम व पता जो पुलिस ने बताए हैं वह उनके पास से बरामद आधार कार्ड के आधार पर बताए हैं। ऐसे में यह भी सवाल उठता है कि फर्जी आधार कार्ड बनाए जाने का रैकेट भी सक्रिय है जो इन अपराधियों को कानून की आंख में धूल झोंकने में मदद कर रहा है।

डोजियर में होगी तलाश : एसपी ने बताया कि डीजीपी के आदेश पर प्रदेश में ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत अपराधियों का जो डोजियर तैयार किया जा रहा है उसमें इन बदमाशों की फोटो से इनका आपराधिक इतिहास खंगालने का प्रयास किया जाएगा।


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