कोरोना भी नहीं डिगा सका चिकित्सा सेवा जज्बा
श्रीराम वन कुटीर आश्रम हड़ियाकोल में शुरू हुआ ऑपरेशन शिविरशनिवार को हार्निया व हाइड्रोसिल के 25 ऑपरेशन हुए
बाराबंकी : जिला मुख्यालय से छह किलो मीटर दूर रेठ नदी के किनारे स्थित श्रीराम वन कुटीर आश्रम हड़ियाकोल में चिकित्सा सेवा का जज्बा शनिवार को दिखाई पड़ा। कोरोना संक्रमणकाल भी सेवाभावी चिकित्सकों व उकने सहयोगियों का हौसला नहीं डिगा पाई। इस बार भले ही दिल्ली, मुंबई, राजस्थान व हरियाणा के चिकित्सक नहीं आए लेकिन राजधानी लखनऊ के खासकर युवा चिकित्सकों ने उनकी कमी को दूर किया।
लखनऊ के महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. अर्चना अग्रवाल उनके पति अजय अग्रवाल व पुत्र नीलाभ अग्रवाल के साथ डॉ. कीर्ति गुप्ता, डॉ. हरसल, डॉ. जय किशन के साथ उनके सहयोगी नरेंद्र, अर्चना, राधिका, गौरव, अफसाना, लखवीर, हेमा, आशीष व मोनू के साथ सेवादार मनीष मेहरोत्रा मरीजों की सेवा में जुटे दिखे। शिविर के संयोजक स्वामी रामज्ञान दास का स्वास्थ्य ठीक नहीं है फिर भी वह व्हील चेयर पर बैठकर ऑपरेशन थियेटर तक पहुंचे। रोग हरण हनुमान से मरीजों के स्वास्थ्य लाभ की कामना की।
जिन मरीजों के ऑपरेशन हुए उसमें जिले के अलावा लखीमपुर खीरी, सीतापुर जिले के मरीज भी शामिल हैं।
25 साल से दे रही चिकित्सा सेवा : डॉ. अर्चना अग्रवाल ने बताया कि वह 25 साल से चिकित्सा सेवा देने के लिए यहां आती हैं। पहली बार वर्ष 1998 में आईं थी तब मंदिर के निकट स्कूल के कमरे में पांच ऑपरेशन किए थे। अब तो सर्जरी के एक हजार तक ऑपरेशन होने लगे हैं।
एक फरवरी से नेत्र के ऑपरेशन : सेवादार मनीष मेहरोत्रा ने बताया कि नेत्र ऑपरेशन शिविर एक फरवरी से 11 फरवरी तक आयोजित होगा। मोतियाबिद के दो हजार ऑपरेशन करने का लक्ष्य रखा गया है।