भांग की दुकानों की भी ई-लॉटरी, होगा जीओ टै¨गग
नई आबकारी नीति 2019-20 ने भांग व्यापारियों के लिए मुसीबत बढ़ा दी है। अभी तक भांग की ठेकेदारी नीलामी और टेंडर के जरिए होती थी, लेकिन नई नीति में इसमें पूरा परिवर्तन हो गया है। शराब की दुकानों की तरह ही भांग की दुकानों को भी ई-लॉटरी के जरिए ही आवंटित किया जाना है। इस नई व्यवस्था के लिए विभाग कसरत कर रहा है।
बाराबंकी : नई आबकारी नीति 2019-20 ने भांग व्यापारियों के लिए मुसीबत बढ़ा दी है। अभी तक भांग की ठेकेदारी नीलामी और टेंडर के जरिए होती थी, लेकिन नई नीति में इसमें पूरा परिवर्तन हो गया है। शराब की दुकानों की तरह ही भांग की दुकानों को भी ई-लॉटरी के जरिए ही आवंटित किया जाना है। इस नई व्यवस्था के लिए विभाग कसरत कर रहा है।
जिले में आबकारी विभाग भी प्रत्येक तहसील में छह हिस्सों में बंटा हुआ है, जिसमें कुल 53 भांग की दुकानें हैं। वर्ष 2018-19 में नीलामी के जरिए इन दुकानों का आवंटन हुआ था। इस वर्ष इन 53 दुकानों के लिए ई-लॉटरी प्रणाली से आवंटन होना है। जिसके लिए आवेदकों को प्रत्येक दुकान के लिए पांच हजार रुपये आवेदन शुल्क देना होगा। इसके अलावा इसपर जीएसटी भी देना होगा। शराब दुकानों की तरह अलग-अलग दुकानों पर लॉटरी से आवंटन होगा। गत वर्ष दुकानों की जो बोली आयी थी उसी आधार पर उनकी लाइसेंस फीस निर्धारण होगा। इसमें दुकान का कोटा आदि भी सम्मलित किया जाना है। विभाग इस नई व्यवस्था की तैयारी में जुटा है। वहीं भांग ठेकेदारों में हलचल मची हुई है। आसान न होगा आवंटन : अभी तक चली आ रही प्रक्रिया में जो ठेकेदार अच्छे सर्किल की दुकान पाता था वह कुछ कम बिक्री अथवा घाट की दुकानों को भी विभागीय खुशामद में ले लेता था, लेकिन इस बार ऐसी दुकानों पर आवंटन आने पर ही संशय है। जो विभाग के लिए बड़ी समस्या होगी। होगा जीओ टै¨गग : जिला आबकारी अधिकारी एसएन दूबे ने बताया कि ई-लॉटरी प्रक्रिया के तहत आवंटन के साथ ही भांग दुकानों का जीओ टै¨गग भी होगा। गत वर्ष से शुरू हुई ई-लॉटरी के बाद सभी देसी शराब, विदेशी, बियर और मॉडल शॉप की जीओ टै¨गग हो चुकी है।