डिप्टी कमिश्नर ने देखी महिलाओं की खेती
सूरतगंज में जैविक खेती कर रही महिलाएं इनके खेत देखने पहुंचेंगे डीएम व सीडीओ।
बाराबंकी : रोली शुक्ला, रिम्पी शुक्ला, नीलम देवी, अनीता सिंह, नेहा शुक्ला, राजकुमारी और रामदुलारी। ये नाम महिला किसानों के हैं। अपने प्रयोगों और किसानी के हुनर से इन्होंने पुरुषों की बहुलता वाले कृषि कार्यों में खुद को साबित और स्थापित किया है। इस खेती को देखने के लिए राष्ट्रीय आजीविका मिशन के डिप्टी कमिश्नर सुनील तिवारी ने खेती-किसानी का निरीक्षण किया।
सूरतगंज में जब प्रगतिशील महिला किसानों की बात होती है तो टाडपुर, तुरकौली गांव की चर्चा अवश्य छिड़ती है। यहां की महिला किसान जैविक तरीके से खेती कर रही हैं। बीए तक पढ़ाई करने वाली रोली शुक्ला ने छह अगस्त 2017 को दस महिलाओं का एक समूह गठित किया। इसको गणेश महिला स्वयं सहायता समूह का नाम दिया। ऐसे ही नौ समूह में 108 महिलाओं को जोड़ा। वह समूह वर्ष 2018 में भारत माता ग्राम संगठन में तब्दील हो गया। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से इन महिलाओं ने वर्मी कंपोस्ट और जैविक कीटनाशक दवाओं को बनाने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त किया।
जिलाधिकारी देखेंगे खेती और कार्य: तीस जून की दोपहर गांव पहुंचकर जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह, मुख्य विकास अधिकारी मेधा रूपम आर्गेनिक विधि से हो रही खेती, श्रीविधि से धान की रोपाई, किचन गर्डन, पोषण वाटिका, बोरी बगीचे को देखेंगे। डीएम के कार्यक्रम से पूर्व डीसी एनआरएलएम सुनील तिवारी, खंड विकास अधिकारी विजय कुमार यादव, एडीओ अमर सिंह गांव पहुंचकर तैयारियां का जायजा लिया है।