बाढ़ और बारिश से आठ गांवों में दोहरा खतरा
जागरण टीम बाराबंकी घाघरा नदी का जलस्तर बुधवार को फिर खतरे के निशान 106.076 मीटर से 11 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया। जलस्तर अभी और बढ़ने के आसार हैं। ऐसे में बारिश भी हो रही है जो बाढ़ पीड़ितों के लिए दोहरी समस्या बनी है। बाढ़ व बारिश से बेहाल पीड़ितों को प्रशासन ने बुधवार को राहत सामग्री बांटकर मरहम लगाया।
बाराबंकी : घाघरा नदी का जलस्तर बुधवार को फिर खतरे के निशान 106.076 मीटर से 111 सेंटीमीटर बढ़कर 106.187 मीटर पर पहुंच गया। जलस्तर अभी और बढ़ने के आसार हैं। ऐसे में बारिश भी हो रही है जो बाढ़ पीड़ितों के लिए दोहरी समस्या बनी है। इनके बीच घाघरा तटवर्ती आठ गांवों बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। बाढ़ व बारिश से बेहाल पीड़ितों को प्रशासन ने बुधवार को राहत सामग्री बांटकर मरहम लगाया।
घाघरा नदी के दूसरे छोर पर गोंडा बार्डर के गांव नाऊपुरवा में 100 परिवारों को राहत सामग्री का वितरण तहसीलदार सिरौली गौसपुर अखिलेश कुमार सिंह ने बेहटा गांव के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में बनाए गए राहत शिविर में किया। लाभार्थियों में विनोद कुमार, प्रहलाद, लालमन, कल्लू, राजेंद्र, पुत्तीलाल, अंगद, जानकी सरन, रोहित व नन्हें आदि शामिल रहे। नाऊपुरवा गांव में बाढ़ का पानी भरा है। यहां मंगलवार को एडीएम ने निरीक्षण किया था। एडीएम ने बताया कि पीड़ित परिवारों को राहत सामग्री का वितरण कराया जा रहा है। रामनगर क्षेत्र के कोरिनपुरवा मजरे तपेसिपाह के 41 परिवारों को पिपिया, मच्छरदानी व तिरपाल आदि सामग्री का वितरण एसडीएम चंद्रप्रकाश पाठक ने कराया। कोरिनपुरवा गांव बाढ़ की चपेट में है। गांव की जमीन व घर कट रहे हैं। ऐसे में ग्रामीणों को गांव छोड़कर दूसरे स्थान पर बसने की विवशता है।
रामसनेहीघाट: तहसीलदार रामसनेहीघाट तपन मिश्रा ने बाढ़ प्रभावित गांव खजुरी, चिर्रा, पंसारा, कोइलावर, टिकरा, ढेमा आदि का निरीक्षण किया। इन गांवों में घाघरा नदी की बाढ़ का पानी भर गया है। बारिश के चलते समस्या और बढ़ गई है। तहसीलदार ने ग्रामीणों को मदद का आश्वासन दिया। इस मौके पर प्रधान वीरेंद्र सिंह, कपिलदेव सिंह, दीपचंद्र सिंह व सत्या सिंह आदि मौजूद रहे।