गोसेवक हरिशंकर व अर्चना की मुहिम को सरकार से मिला बल
एकला चले कारवां बनता गया। यह पंक्तियां शहर के गोकुल नगर निवासी अर्चना मिश्रा व सेवानिवृत्त कर्मचारी हरिशंकर दीक्षित की गोसेवा मुहिम पर चरितार्थ होती हैं। सरकार की ओर से गो-आश्रय स्थलों का निर्माण कराए जाने को यह लोग अपनी मुहिम का कारवां मानते हैं। दोनों ने 'दैनिक जागरण' से बातचीत में सरकार की मुहिम को सराहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति आभार जताया।
बाराबंकी : एकला चले कारवां बनता गया। यह पंक्तियां शहर के गोकुलनगर निवासी अर्चना मिश्रा व सेवानिवृत्त कर्मचारी हरिशंकर दीक्षित की गो-सेवा मुहिम पर चरितार्थ होती हैं। सरकार की ओर से गो-आश्रय स्थलों का निर्माण कराए जाने को यह लोग अपनी मुहिम का कारवां मानते हैं। दोनों ने 'दैनिक जागरण' से बातचीत में सरकार की मुहिम को सराहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति आभार जताया।
नगर के आसपास सड़क पर जब कोई बेसहारा पशु किसी वाहन से टकराकर घायल हो जाता है तो अर्चना मिश्रा उसके इलाज व चारा-पानी के लिए पूरी तन्मयता से लग जाती हैं। बरसात के मौसम में विकास भवन मोड़ के पास एक गाय को किसी वाहन ने टक्कर मार दी थी। 15 दिन तक उसे तिरपाल ढककर बारिश से बचाने के साथ ही इलाज भी कराया। पशुओं के इलाज के लिए यह पशु चिकित्साधिकारी के साथ ही डीएम व एसडीएम ही नहीं मीडिया कर्मियों को भी फोन कर मदद मांगती हैं। बेसहारा पशुओं के लिए इनकी आंखों में आंसू अक्सर देखे जाते हैं। अर्चना का कहना है कि सरकार ने आश्रय स्थल बनवाकर उनकी मुहिम को बल प्रदान किया है। इसके लिए वह सरकार के प्रति आभारी हैं। इसी मुहल्ला के निवासी रेलवे से सेवानिवृत्त हरिशंकर दीक्षित भी बेसहारा पशुओं के लिए हर पल समर्पित रहते हैं। पिछले माह एक गाय को सड़क पार करते समय ट्रक ने टक्कर मार दी। 20 दिन तक उसका इलाज कराने के साथ चारा-पानी की व्यवस्था की। इनकी सेवा से गाय अपने पैरों पर दोबारा खड़ी हो गई। हरिशंकर का कहना है कि सरकार ने गो-आश्रय बनवाकर बहुत ही सराहनीय कार्य किया है।