डॉल्फिन की गणना की शुरुआत, अयोध्या में होगा समापन
वन विभाग और टीएसए ने नमामि गंगे योजना के तहत शुरू किया अभियान रामनगर में आज होगा सर्वेक्षण
बाराबंकी : उत्तर प्रदेश वन एवं वन्यजीव विभाग और टर्टल सर्वायवल एलायंस (टीएसए) ने नमामि गंगे योजना के तहत राष्ट्रीय जलीय जीव डॉल्फिन का सर्वेक्षण और जन जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया है। इसका शुभारंभ गुरुवार को पांच सदस्यीय दल को डीएफओ बहराइच मनीष कुमार सिंह ने चहलारी घाट से हरी झंडी दिखाकर किया। एक सप्ताह के इस कार्यक्रम में 21 फरवरी तक सर्वेक्षण कार्य किया जाएगा। सर्वेक्षण कार्य के दौरान लोगों को डॉल्फिन की उपयोगिता भी बताई जाएगी। डीएफओ डॉ. एनके सिंह ने बताया कि इसका समापन 21 फरवरी को अयोध्या में होगा। 19 फरवरी को उनके उपस्थिति में रामनगर में सर्वेक्षण किया जाएगा। बताया, सर्वेक्षण का उद्देश्य डाल्फिन और वन्य जीवन को समझने के अतिरिक्त घड़ियाल एवं कछुओं के संरक्षण प्रबंधन में अहम भूमिका अदा करना है। सर्वेक्षण में जलीय जीवों गांगेय डाल्फिन, घड़ियाल, कछुओं, ऊदबिलाव की संख्या की गणना के अतिरिक्त नदी में विभिन्न जैविक दबाव का अनुश्रवण करना भी इसका उद्देश्य है। अंतिम बार इस तरह का सर्वेक्षण वर्ष 2015 में टर्टल सर्वायवल एलायंस ने किया था। इस निगरानी से महत्वपूर्ण नदी के वन्यजीवों व उनके पर्यावासों की एक आधार-रेखा आंकड़े निकाले जाएंगे। यह निगरानी अब प्रत्येक वर्ष फरवरी माह में की जाएगी। ताकि इन जीवों का अधिकाधिक संरक्षण हो सके। हेल्पलाइन नंबर : मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने इन जीवों के बचाव के लिए आमजन को जागरूक करने के उद्देश्य से हेल्प लाइन नंबर 8881880388 भी जारी किया है। नदी में कछुओं की नौ प्रजातियों का प्राकृतिक वास है। इसका प्रयोग कर आमजन इन जीवों संबंधित सूचना विभाग को दे सकता है, जिसे टीमें रेस्क्यू कर सुरक्षित करेगी।
तीन जिलों का सहयोग : टीएसए व उत्तर प्रदेश वन एवं वन्यजीव विभाग के साथ इन कछुओं के संरक्षण के लिए लगातार 12 वर्षों से कार्य कर रही है। गुरुवार से शुरू हुए इस निगरानी अभियान में बहराइच, गोंडा व अयोध्या वन प्रभाग भी सहयोग करेगा।