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सेना के अधिकारी बन ठगी कर रहे साइबर अपराधी

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने लोगों को हाईटेक बना दिया। ऑनलाइन क्लॉस ऑन लाइन बैंकिग और अन्य तमाम कार्य लोग लॉक डाउन में घर बैठे सीखे और काम करने लगे। इससे साइबर अपराधियों के अपराध का दायरा बढ़ गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 May 2020 11:24 PM (IST)Updated: Wed, 20 May 2020 06:07 AM (IST)
सेना के अधिकारी बन ठगी कर रहे साइबर अपराधी
सेना के अधिकारी बन ठगी कर रहे साइबर अपराधी

बाराबंकी, लॉकडाउन ने जहां ऑनलाइन क्लॉस, ऑनलाइन बैंकिग और अन्य तमाम कार्य लोग घर बैठे सीखकर हाईटेक बन गए हैं। वहीं, साइबर अपराध का दायरा भी बढ़ा है। रोज नए तरीकों से साइबर अपराधी लोगों की गाढ़ी कमाई में सेंध लगा रहे हैं। साइबर अपराधी अपने अपराध से सेना की साख को बट्टा लगाने से बाज नहीं आ रहे। कभी फौजी बनकर सेकेंड हैंड कार बेचने के नाम पर तो कभी किसी और बहाने लोगों का शिकार करते हैं।

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शहर के दवा व्यापारी मुकुल टंडन ने बताया कि वाट्सएप पर इंडियन आर्मी का अधिकारी बताकर सेना के लिए सैनिटाइजर खरीदने की बात कही। कुछ उत्पाद जो इस साइबर अपराधी को बताए उसमें से सबसे महंगा सैनिटाइजर को पसंदकर भारी मात्रा में ऑर्डर बुक करने को कहा। भुगतान की बात आई तो उस व्यक्ति ने अपने सीनियर को बताकर दूसरे से बात कराई। यह व्यक्ति यूपीआइ (युनाइटेड पेमेंट इंटरफेस) कोड मांगने लगा। जबकि, व्यापारी मुकुल पेटीएम से पेमेंट की बात कह रहे थे। स्वयं को सेना का अधिकारी बताने वाले ने जब यूपीआइ कोड पर जोर दिया तो मुकुल को शक हुआ और उसने माल देने से इंकार कर दिया। वहीं, दवा व्यापारी राजकुमार ने बताया कि उनके पास भी वाट्सएप पर एन-95 मास्क और सैनिटाइजर के लिए मैसेज आया था। मैसेज करने वाले ने स्वयं को आर्मीमैन बताया और भुगतान के लिए यूपीआइ कोड मांगा। शक होने पर यूपीआइ कोड बताने से इन्कार कर दिया। पल्हरी गांव के विनोद यादव ने बताया कि सेना का जवान बताकर इनोवा बिक्री करने के नाम पर उनसे ऑनलाइन 75 हजार जमा करवा लिए। कार का सौदा तीन लाख में तय हुआ था। इसकी कोतवाली में रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई है। ऐसी करीब पंद्रह शिकायतें आई हैं, जिन पर पुलिस काम कर रही है।

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''आर्मीमैन बताकर ठगी किए जाने के मामले सामने आए हैं। इनके राजफाश के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। लोगों को ऑनलाइन खरीदारी में सतर्कता बरतनी चाहिए।''

-डॉ. अरविद चतुर्वेदी, पुलिस अधीक्षक, बाराबंकी।

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क्या है यूपीआइ

आपका यूपीआइ पिन वह नंबर है, जिसका इस्तेमाल आप कोई नया भुगतान खाता जोड़ते समय या कोई लेन-देन करते समय करते हैं। पहली बार बैंक खाता जोड़ते समय आपको एक यूपीआइ पिन सेट करने के लिए कहा जाएगा। अगर आपके पास अपने बैंक खाते के लिए पहले से ही यूपीआइ पिन है, तो वही यूपीआइ पिन गूगल पे के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।


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