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देखरेख के अभाव में नहीं पनप रहे पौधे

सूरतगंज क्षेत्र में बीते वर्ष रोपे गए दो लाख साठ हजार पौधों पर करीब चार लाख रुपये की धनराशि खर्च किए गए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 11:11 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 06:09 AM (IST)
देखरेख के अभाव में नहीं पनप रहे पौधे
देखरेख के अभाव में नहीं पनप रहे पौधे

बाराबंकी आंकड़ों को दुरुस्त करने के फेर में पौधारोपण का लक्ष्य तो पूरा हो जाता है। लेकिन, इसके बाद पर्याप्त देखरेख नहीं होने के कारण ज्यादातर पौधे पेड़ बनने से पहले ही दम तोड़ देते हैं। सूरतगंज क्षेत्र में बीते वर्ष रोपे गए दो लाख साठ हजार पौधों पर करीब चार लाख रुपये की धनराशि खर्च किए गए।

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ब्लॉक क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में तालाब के साथ स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, पशु विभाग आदि विभागों में आम, नीम, नीबूं, सागवान, चितवन, पापुलर, यूकोलिप्टस, सहजन आदि फलदार और छायादार पौधे रोपे गए थे। बीडीओ विजय कुमार यादव देखरेख के लिए किसी प्रकार की धनराशि मिलने से इन्कार करते हैं। गुरुवार को दैनिक जागरण टीम ने सूरतगंज क्षेत्र में बीते वर्ष रोपे गए पौधों की पड़ताल की तो ज्यादातर स्थानों पर पौधे नदारद मिले, हालांकि वन विभाग के अधिकारी महज तीस फीसद ही पौधों के दम तोड़ने की बात कहते हैं। प्रस्तुत है राघवेंद्र मिश्र की रिपोर्ट.. ²श्य एक- प्राथमिक विद्यालय करनपुर के इंचार्ज मो. इरसाद ने बताया कि पिछले वर्ष चालीस पौधे रोपे गए थे। बाउंड्रीवॉल न होने से बेसहारा जानवरों ने पौधे नष्ट किए तो शेष बचे पौधे गड्ढे में लगे होने के कारण पानी भर जाने से खराब हो गए।

²श्य दो- पशु अस्पताल सूरतगंज की चिकित्साधिकारी डॉ.धीरा देवी ने बताया कि पिछले वर्ष बीस पौधे मिले थे। रोपित किए गए पौधों में आधा दर्जन ही पौधे चल सके हैं। ²श्य तीन- सूरतगंज ग्राम पंचायत के ईदगाह स्थित तालाब में पिछले वर्ष करीब 80 पौधे रोपित किए गए थे। तालाब के चारों ओर बाउंड्रीवॉल न होने के कारण पौधे विकसित नहीं हो सके हैं। प्रधान पति मुस्तकीम ने बताया कि किसानों के साथ पांच सौ पौधे तालाब आदि स्थानों पर लगाए गए थे। किसानों के साथ कुछ ही पौधे चल सके। ²श्य चार- सीएचसी सूरतगंज के परिसर व रैनबसेरा में लगभग तीन सौ पौधे रोपित किए गए थे। डॉ. राजर्षि त्रिपाठी ने बताया कि चहारदीवारी न होने के कारण पौधे नष्ट हो गए। ब्लॉक क्षेत्र में पिछले वर्ष दो लाख साठ हजार पौधे वितरित किए गए थे। सार्वजनिक स्थानों पर रोपित पौधों की देखभाल के लिए मनरेगा से मजदूर भुगतान पर रखे जा सकते है। संरक्षण के अभाव में तीस फीसदी से अधिक पौधे नष्ट हो रहे है।

आरसी भट्ट, वन क्षेत्राधिकारी, फतेहपुर।


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