व्यापारियों ने खरीदा धान, किसानों का आठ करोड़ का नुकसान!
प्रेम अवस्थी, बाराबंकी समर्थन मूल्य पर भले ही धान खरीद शुरू होने में एक पखवारा लग गया हो, ले
प्रेम अवस्थी, बाराबंकी
समर्थन मूल्य पर भले ही धान खरीद शुरू होने में एक पखवारा लग गया हो, लेकिन इस दौरान व्यापारियों ने करीब सवा तीन लाख ¨क्वटल धान की खरीद जरूर की है। इसका बकायदा डेढ़ करोड़ रुपये मंडी शुल्क भी अदा किया है।
अक्टूबर माह से 15 नवंबर तक रबी की बोवाई का सीजन रहता है। इस दौरान किसान धान को बेचकर ही बोवाई के लिए खाद-बीज की व्यवस्था करते हैं। इस बार राइस मिलर्स और सहकारी समिति के
सचिव व विपणन निरीक्षकों की हड़ताल के चलते पंद्रह नंवबर तक इस बार 15 नवंबर तक समर्थन मूल्य 1750
(सामान्य धान) व ए-ग्रेड धान 1770 रुपये में क्रय केंद्रों पर एक भी दाना
धान नहीं खरीदा गया। जबकि, व्यापारियों ने करीब सवा तीन लाख ¨क्वटल धान की खरीद की। करीब 50 फीसद धान हरियाणा और पंजाब की मंडियों में भेजकर वे मालामाल हुए। ढाई प्रतिशत मंडी शुल्क सरकार को भी मिला। नवीन मंडी बाराबंकी और सफदरगंज मंडी में तीन लाख 25 हजार 264 ¨क्वटल सामान्य प्रजाति का धान तथा ए-ग्रेड प्रजाति का 78 हजार 602 ¨क्वटल धान खरीदा गया। ए-ग्रेड धान 17 सौ से 18 सौ रुपये प्रति ¨क्वटल की दर से खरीदा गया। सामान्य धान का औसत मूल्य 15 सौ से 16 सौ रुपये के मध्य रहा। इस प्रकार यदि सामान्य धान पर 15 सौ रुपये व ए-ग्रेड धान पर 17 सौ रुपये प्रति ¨क्वटल की दर पर ढाई प्रतिशत मंडी शुल्क एक करोड़ 55 लाख 52 हजार 85 रुपये बनता है। जबकि, किसानों का औसतन ढाई सौ रुपये प्रति ¨क्वटल की दर से नुकसान हुआ जो करीब आठ करोड़ 31 लाख रुपये बनता है।
व्यापारियों ने सामान्य धान साढ़े 15 सौ व ए-ग्रेड धान 1770 रुपय प्रति ¨क्वटल तक खरीदा है। जिस पर मंडी शुल्क ढाई प्रतिशत दिया। हरियाणा व पंजाब को भी धान भेजा गया है।''
धनंजय ¨सह नवीन मंडी सचिव बाराबंकी।