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दर्जनभर से ज्यादा भवन जर्जर, जिम्मेदारों को हादसे का इंतजार

बाराबंकी शहर में एक दर्जन ऐसी इमारते हैं जो पूरी तरह से जर्जर हो चुकी हैं। ये कभी भी बारिश में हादसे का सबब बन सकती हैं। हैरत की बात है कि नगर पालिका प्रशासन ने मरम्मत या कार्रवाई तो दूर ऐसे भवनों का चिन्हीकरण तक नहीं कराया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Sep 2019 10:33 PM (IST)Updated: Thu, 26 Sep 2019 10:33 PM (IST)
दर्जनभर से ज्यादा भवन जर्जर, जिम्मेदारों को हादसे का इंतजार
दर्जनभर से ज्यादा भवन जर्जर, जिम्मेदारों को हादसे का इंतजार

बाराबंकी : शहर में एक दर्जन ऐसी इमारते हैं जो पूरी तरह से जर्जर हो चुकी हैं। ये कभी भी बारिश में हादसे का सबब बन सकती हैं। हैरत की बात है कि नगर पालिका प्रशासन ने मरम्मत या कार्रवाई तो दूर ऐसे भवनों का चिन्हीकरण तक नहीं कराया है। जबकि, इन भवनों में लोग व्यापार करने के साथ लोग रह भी रहे हैं। करीब दो साल पहले दर्पण सिनेमा के जर्जर भवन गिरने से तीन लोग घायल हो गए थे, जबकि यह हादसा रात को हुआ था। शहर के कंपनीबाग, पुलिस लाइन, घंटाघर से धनोखर के मध्य, दर्पण के निकट कई ऐसे पुराने भवन हैं जो पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं।

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आवासीय बिल्डिगों में भी हो रहा अवैध निर्माण

वर्ष 1979 में नगर पालिका ने कंपनी बाग पार्क को समाप्त करके एक या दो मंजिला आवासीय बिल्डिग बनवाई थी। पहली लाइन स्टेशन रोड की थी। इसमें नीचे ऊपर मिलाकर कुल 12 क्वार्टर थे। दूसरी लाइन में भी दो मंजिला 12 आवास निर्माण किए गए थे। इनके मध्य एक नाली और उसके दोनों किनारों पर मकानों के सेप्टिक टैंक निर्माण किए गए थे। कॉलोनी में नीचे रहने वालों लोगों ने आगे की खुली हुई जमीन घेरी तो बाद में कई किराएदारों ने भी बिना अनुमति के शुरू करा दिया। पुरानी आवासीय बिल्डिग जर्जर है।

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कभी भी गिर सकता है भवन

हैदरगढ़ : नगर के प्रमुख चौराहे पर स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय हैदरगढ़ के भवन का निर्माण 177 वर्ष स्कूल 1842 में हुआ था। मरम्मत के अभाव में भवन जर्जर होता गया। बारिश में छत से पानी टपक रहा है। इसी परिसर पर ब्लॉक संसाधन केंद्र सभागार, बीईओ कार्यालय के अलावा शिक्षक भवन संचालित है। शिक्षा क्षेत्र का एकमात्र केंद्र होने के कारण आये दिन प्रशिक्षण, बैठक, गोष्ठी के अलावा विभिन्न कार्यों के लिए शिक्षकों व अधिकारियों का आना-जाना बना रहता है। जिन किरायेदारों ने अवैध निर्माण कराए हैं उन्हें पूर्व में नोटिस दी जा चुकी है। जवाब अभी तक नहीं मिला है। दोबारा नोटिस भेजने की कार्रवाई की जा रही है।

-कमलेश चौबे, कर निर्धारण अधिकारी।


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