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18 साल बाद पुलिस के हत्थे चढ़ा 50 हजार का इनामी

चित्र-15बीआरके-36 37 - नेपाल में परिवार के साथ छिपा था आरोपित - हाईकोर्ट के फर्जी आदेश से जमानत लेने का भी है आरोपी संवादसूत्र बाराबंकी हाईकोर्ट के फर्जी आदेश से रिहा होने वाले हत्यारोपित को पुलिस ने 1

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Sep 2019 10:48 PM (IST)Updated: Mon, 16 Sep 2019 06:29 AM (IST)
18 साल बाद पुलिस के हत्थे चढ़ा 50 हजार का इनामी
18 साल बाद पुलिस के हत्थे चढ़ा 50 हजार का इनामी

बाराबंकी : हाईकोर्ट के फर्जी आदेश से रिहा होने वाले हत्यारोपित को पुलिस ने 18 साल बाद फिर गिरफ्तार किया है। हालांकि, इस बार आरोपित जालसाजी के मुकदमे में फरार चल रहा था। इस पर पचास हजार का इनाम घोषित था। मामले में एक बार एसपी को हाईकोर्ट तलब कर चुका है।

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कोतवाली नगर क्षेत्र के ग्राम भुहेरा निवासी राम मिलन ने अपने साथी देशराज व इंदरपाल के साथ 1994 में सतरिख थाना क्षेत्र के ग्राम टेटेपुर निवासी रामप्रसाद की हत्या कर दी थी। सतरिख में मृतक इंदरपाल सहित तीनों पर हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था, इसमें राममिलन व देशराज को जेल भी भेजा गया था। 2006 में देशराज व राममिलन को हत्या के मुकदमे में अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुना दी थी। वर्ष 2008 में सीतापुर निवासी वकील राम कुमार शर्मा ने अपने मुंशी ओम प्रकाश द्विवेदी के साथ मिलकर हाईकोर्ट का फर्जी जमानत का आदेश बनवाया, जिसके चलते दोनों जमानत पर रहा हो गए। तफ्तीश में पता चला कि राममिलन नेपाल में पत्नी व तीन पुत्रियों के साथ रहकर पेंटिग व झाड़फूंक का करता था।

नगर कोतवाल धर्मेंद्र रघुवंशी ने क्राइम ब्रांच की मदद से रविवार भोर सफेदाबाद रेलवे क्रासिग के पास राममिलन को गिरफ्तार कर लिया।


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