अर्चना घर में कर रहीं स्वस्थ पर्यावरण की रचना
गमलों में लगाए गए नारियल नीम बरगद सहित डेढ़ दर्जन पेड़
बाराबंकी : कहते हैं जहां चाह वहां राह। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है घनी आबादी में रहने वाली पर्यावरण प्रेमी अर्चना श्रीवास्तव ने शहर के बीच पक्के मकान और फर्श के बीच अपने शौक को पूरा करने की राह तलाश ली। घर के बाहरी हिस्से में गमले रखकर उन्होंने फलदार, शोभाकार, पर्यावरण और चारा-पत्ती प्रजातियों के करीब डेढ़ दर्जन पौधे रोपित कर दिया। अब उनके इस प्रयास और संग्रह को देखने आसपास के लोग आते हैं।
शहर के मुहल्ला रसूलपुर निवासी अर्चना श्रीवास्तव एक गृहणी हैं। उन्होंने अपने आवास के करीब 150 स्क्वॉयर फिट में पौधे रोपे हैं। वह बताती हैं कि उन्हें शुरू से हरियाली से प्रेम रहा है। शहर में रहने के कारण वह प्रकृति और हरियाली से दूर थीं। फिर उन्होंने इसका विकल्प निकाला और घर के बाहरी हिस्से में गले लाकर रखे और उसी में पौधरोपण शुरू कर दिया। करीब दो साल के अंतराल में उन्होंने अपनी छोटी सी बगिया में पूजा के लिए फूल, शमि, नारियल, केला व बेल पत्र के पेड़, किचन के लिए मीठी नीम और लेमन ग्रास, तुलसी सहित औषधीय प्रजाति के नीम, पर्यावरणीय प्रजाति के बरगद सहित शोभादार पेड़ों को लगा रखा है। वह पौधों की देखरेख परिवार के सदस्यों की भांति करती हैं।
..लेकिन नहीं मानी हार : पति संतोष बताते हैं कि शुरुआत में बंदर अधिकांश पेड़ों को नष्ट कर देते थे। इसके बाद आगे का पूरा पोर्शन जाली से लगाकर कवर कर दिया गया। जिसके बाद अब बगिया फलफूल रही है। यही नहीं लोग इसकी आसपास चर्चा भी करते हैं।