गरीबी में भी आनंद, नीलिमा व दिनेश बने टॉपर
- हाईस्कूल की मेरिट सूची में प्रदेश में संयुक्त रूप से हासिल किया आठवां स्थान जागरण टीम,
- हाईस्कूल की मेरिट सूची में प्रदेश में संयुक्त रूप से हासिल किया आठवां स्थान
जागरण टीम, बाराबंकी : मेधा कभी धन-दौलत की मोहताज नहीं होती। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण शहर के वह होनहार बनें हैं जो गरीब परिवार में भी रहकर अपनी मेहनत और पढ़ाई की लगन के बलबूते यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा की टॉपर सूची में अपना आठवां स्थान बनाकर कीर्तिमान बना दिया है। सामान्य से भी नीचे परिवार के इन होनहारों के परिवारीजन की खुशी का कोई ठिकाना नहीं है। इन होनहार छात्र-छात्राओं के माता-पिता कहते हैं कि उनकी तो मेहनत साकार हो गई।
बेटे को पढ़ाने के लिए लगा लिया ठेला : राममिलन अपने बेटे को पढ़ाने के लिए शरीफाबाद के नींदपुर गांव से शहर चले आए और यहां परिवार चलाने के लिए चाऊमीन का ठेला लगाते हैं। पिता की मेहनत उस समय सार्थक होती नजर आयी जब श्रीसाईं इंटर कॉलेज के छात्र आनंद राज साहू का नाम मेरिट सूची में आ गया। आनंद की मां राजकुमारी उनकी मदद करती हैं। आनंद बताता है कि पढ़ाई के दौरान कई बार फीस देने को लेकर दिक्कतें हुईं लेकिन कॉलेज प्रबंधन ने हर बार मदद की। इंजीनियर बनने का सपना देखने वाले आनंद को क्रिकेट में काफी दिलचस्पी है। परीक्षा के दौरान छह से सात घंटे पढ़ाई करने वाले आनंद कठिन परिश्रम को अपनी सफलता का मूलमंत्र मानते हैं।
शिक्षामित्र दंपती को मिली खुशी : पिता सुनील कुमार वर्मा व मां रमा देवी दोनों शिक्षामित्र के रूप में रोजाना अपने स्कूल जाते। सीमित आमदनी में बच्चों को पढ़ाने की ललक उस समय बढ़ गई जब उनकी बेटी नीलिमा ने यूपी बोर्ड मेरिट में आठवां स्थान ले आयी। महारानी लक्ष्मी बाई की नीलिमा वर्मा को भी पढ़ाई के दौरान अनेक झंझावात का सामना करना पड़ा। रोजाना समय सारिणी के अनुसार आठ से दस घंटे की पढ़ाई उनकी सफलता का राज है। लखपेड़ाबाग की रहने वाली नीलिमा को गणित विषय में काफी रुचि है। सामाजिक विषय व विज्ञान विषय में दिलचस्पी कम है।
राजगीर का बेटा आया मेरिट में : राजगीर की बेटे दिनेश ने अपनी मेधा के बल से गरीबी में भी बोर्ड परीक्षा में मेरिटोरियल छात्रों में शुमार हो गया। देवा के प्रतिभा शिक्षा निकेतन इंटर कॉलेज के छात्र दिनेश चौहान के पिता रघुनंदन प्रसाद ने आर्थिक तंगी के बावजूद बेटे की पढ़ाई के लिए कोई कमी नहीं आने दी। देवा के गांधीनगर के रहने वाले दिनेश की मां राजेश्वरी गृहणी हैं। गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले दिनेश ने कॉलेज के साथ प्रतिदिन सात से आठ घंटे तक नियमित पढ़ाई की। दिनेश इंजीनियर बनना चाहते हैं उन्होंने 93. 33 फीसद अंक हासिल कर प्रदेश की मेरिट सूची में आठवां स्थान पाकर बहुत खुश हैं। वह अपनी सफलता का श्रेय प्रधानाचार्य आईके वर्मा एवं गुरुजनों को देते हैं।