अधिवक्ताओं ने एडीएम को सौंपा ज्ञापन
-रुदौली वापसी व प्रोत्साहन भत्ता के एडीएम को सौंपे ज्ञापन
बाराबंकी : रुदौली तहसील वापसी व जूनियर अधिवक्ताओं को प्रोत्साहन भत्ता दिए जाने संबंधी मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन मंगलवार को अधिवक्ताओं ने अपर जिलाधिकारी संदीप गुप्ता को सौंपे।
जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जगत बहादुर सिंह ने कहा कि रुदौली में प्रदेश सरकार जनमत संग्रह करा ले तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि वहां की 80 प्रतिशत जनता अपने को बाराबंकी में सम्मिलित कराना चाहती है। उन्होंने कहा कि बाराबंकी से लखनऊ पूरा शैक्षिक हब है। यूनिवर्सिटी, मेडिकल कॉलेज सहित तमाम प्रकार की सुविधाएं हैं। यहां से लोग लखनऊ तथा आगे बढ़कर व्यापारिक नगरी कानपुर तक आसानी से अपने काम निपटा सकते हैं। इसलिए रुदौली के लोग अपने को जिले में रखना चाहते हैं। लेकिन प्रदेश सरकार वहां के लोगों की बात नहीं सुन रही है। इसलिए आंदोलन ही एक रास्ता है।
रुदौली वापसी संघर्ष समिति के संयोजक अधिवक्ता मो. एखलाक ने कहा कि बगैर किसी मांग के मनमाने तरीके से बसपा शासन में मुख्यमंत्री रही मायावती ने रुदौली तहसील को जिले से हटाकर फैजाबाद/अयोध्या में मिला दिया था। इसके बाद सपा के समर्थन से जिला बार एसोसिएशन की ओर से चलाए गए आंदोलन के कारण बाद में प्रदेश में सत्तारूढ़ हुए मुलायम सिंह यादव ने रुदौली तहसील को फैजाबाद/अयोध्या से हटाकर बाराबंकी में मिला दिया था। लेकिन राजनैतिक दुर्भावनावश मायावती ने दोबारा रुदौली को फैजाबाद/अयोध्या में मिला दिया। तभी से आंदोलन जारी है।
दूसरे ज्ञापन में पांच वर्ष तक के जूनियर अधिवक्ताओं को 10 हजार रुपये मासिक प्रोत्साहन राशि देने, मध्य प्रदेश की भांति अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लागू कराए जाने तथा जिले के दिवंगत अधिवक्ताओं की विधवाओं को 20 हजार रुपये मासिक पेंशन दिलाए जाने का शासनादेश पारित करने की मांग की गई है। महामंत्री नरेंद्र कुमार वर्मा ने कहा कि अधिवक्ता के स्वर्गवास के बाद उसकी विधवा को जीवन निर्वाह के लिए पेंशन दिलाया जाना अति आवश्यक है। वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमीनउद्दीन, महामंत्री नरेंद्र कुमार वर्मा, अशोक वर्मा, राकेश तिवारी, लल्लन यादव, किस्मत अली, कौशल किशोर त्रिपाठी, राकेश यादव, वीरेंद्र तिवारी, ओपी यादव, आरपी गौतम, मो. आसिफ, शिवशंकर रावत, संजय यादव, संतोष, मो. शादाब, हुमायूं नईम खां, रनवीर सिंह मौजूद रहे।