समर्थन मूल्य से दूर हैं 95 फीसद किसान
किसानों की आय दोगुनी करने में सरकार की ओर से घोषित समर्थन मूल्य की भूमिका अहम है लेकिन जिले में 90 फीसदी किसान समर्थन मूल्य से दूर हैं। धान खरीद योजना में अभी तक मात्र साढ़े 14 हजार किसानों को ही समर्थन मूल्य का लाभ मिला जबकि जिले में किसानों की संख्या साढ़े तीन लाख से ज्यादा है। बैंक से फसली ऋण का लेन-देन करने वाले किसान ही करीब डेढ़ लाख हैं।
बाराबंकी : किसानों की आय दोगुनी करने में सरकार की ओर से घोषित समर्थन मूल्य की भूमिका अहम है। लेकिन, जिले में 95 फीसद किसान समर्थन मूल्य से दूर हैं। अभी तक मात्र साढ़े 14 हजार किसानों को ही समर्थन मूल्य का लाभ मिला जबकि जिले में किसानों की संख्या साढ़े तीन लाख से ज्यादा है। बैंक से फसली ऋण का लेन-देन करने वाले किसान ही करीब डेढ़ लाख हैं। सभी किसान चाहते हैं कि उनका धान और गेहूं समर्थन मूल्य पर बिके। लेकिन, कभी समय से क्रय केंद्र नहीं खुलते तो कभी क्रय केंद्रों पर इन्हें अपनी फसल बेचने का मौका नहीं मिलता।
इस बार धान खरीद एक नवंबर के बजाए 15 नवंबर से शुरू हुई। क्रय केंद्र भी मात्र 43 ही संचालित किए गए। ऐसे में बड़े किसानों को ही धान बेचने का मौका मिल रहा है। धान खरीद का लक्ष्य जिले में एक लाख नौ हजार मीट्रिक टन है। इसके सापेक्ष 20 जनवरी तक लक्ष्य के सापेक्ष 91 हजार 858 मीट्रिक टन धान खरीद हो चुकी है जो लक्ष्य का 84 प्रतिशत है। लक्ष्य के सापेक्ष 84 प्रतिशत धान खरीद होने से अधिकारी भले ही अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि 28 फरवरी तक वह शत-प्रतिशत लक्ष्य को पूरा कर लेंगे मगर लाभान्वित किसानों का आंकड़ा अभी तक 14547 ही है। जबकि क्रय केंद्र संचालित होने से पहले ही 25 हजार से ज्यादा किसानों ने धान बेचने के लिए अपना पंजीकरण करवा लिया था।