अनफिट बस से बिहार ले लाए जा रहे थे 140 यात्री, सीज
परिवहन विभाग के चल रहे चेकिग अभियान से सात दिन पहले रामसनेहीघाट में हुए भीषण सड़क हादसे की पुनरावृत्ति टल गई। लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर एआरटीओ डा. सर्वेश गौतम ने हरियाणा से बिहार को जा रही एक डग्गामार बस को पकड़ा।
बाराबंकी : परिवहन विभाग के चल रहे चेकिग अभियान से सात दिन पहले रामसनेहीघाट में हुए भीषण सड़क हादसे की पुनरावृत्ति टल गई। लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर एआरटीओ डा. सर्वेश गौतम ने हरियाणा से बिहार को जा रही एक डग्गामार बस को पकड़ा। इसमें 85 सीटों के सापेक्ष 140 मजदूर सवार थे और इसकी फिटनेस अवधि भी समाप्त हो चुकी थी। इसमें भी नियम विरुद्ध सीटें बढ़ाई गई थीं। उप परिवहन आयुक्त निर्मल प्रसाद ने चेकिग कर कर एआरटीओ की सराहना की और यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए लखनऊ से बसें भेजीं। हरियाणा से बिहार जा रही बस 27 जुलाई की रात रामसनेहीघाट में दुर्घटनाग्रस्त हुई थी, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई थी। इस बस का परमिट नहीं था और इसमें हरियाणा से मजदूरी कर लौट रहे करीब 135 मजदूर सवार थे। हादसे के बाद प्रमुख सचिव परिवहन और परिवहन आयुक्त ने डग्गामार वाहनों के खिलाफ साप्ताहिक अभियान चलाने का आदेश दिया था। इसी क्रम में एआरटीओ प्रवर्तन डा. सर्वेश गौतम ने मंगलवार सुबह करीब सात बजे मोहम्मदपुर पुलिस चौकी के पास चेकिग के दौरान हरियाणा से बिहार जा रही बस को रोका। श्री बाला जी ट्रेवल बागपत की इस बस में भी 140 यात्री सवार थे। बस में पीछे लगने वाले रिफ्लेक्टर सहित कई खामियों के साथ ही चालक के पास ड्राइविग लाइसेंस तक नहीं था। एआरटीओ ने मजदूरों को खाने को फल व पानी सहित अल्पाहार उपलब्ध कराए। यह मिली खामियां : बिना अनुमति बढ़ाई गईं बस की सीटें
बस की फिटनेस अवधि 17 अप्रैल 2020 को समाप्त
क्षमता से अधिक सवारियां
चालक के पास डीएल नहीं
रिफ्लेक्टर नहीं लगा मिला
1.30 लाख कर बकाया आदि। यह की गई कार्रवाई :
एआरटीओ डा. सर्वेंश कुमार गौतम ने बताया कि मानकों की अनदेखी कर संचालित बस को सीज कर करीब 3.5 लाख का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा करीब एक लाख रुपये यात्रियों के किराए के रूप में परिवहन निगम को अदा करना होगा। परमिट निरस्त करने के साथ ही बकाया कर का भुगतान कराने के भी निर्देश दिए गए हैं।
सवा तीन साल में 95 चालान :
यह बस बागपत के भारत उपाध्याय के नाम 21 अप्रैल 2018 को पंजीकृत हुई थी। तब से लेकर आज तक इस बस का 95 बार चालान हो चुका है। बस का दो बार इससे पहले भी बाराबंकी जिले में चालान हुआ था। इससे स्पष्ट है कि बस को सभी नियमों को दरकिनार कर संचालित किया जा रहा था।
परिवहन निगम की बस से भेजे गए यात्री :
एआरटीओ ने बताया कि विभागीय वाट्सएप ग्रुप में इस कार्रवाई की सूचना डाली गई थी। इसका संज्ञान प्रमुख सचिव परिवहन ने लिया और बस के यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए दो बसें लखनऊ से भेजीं। मोहम्मदपुर चौकी पहुंचकर एआरएम आरएस वर्मा ने यात्रियों को गंतव्य की ओर रवाना किया।