सिद्धिदात्री की आराधना कर महिलाओं ने तोड़ा उपवास
जागरण संवाददाता, बांदा : शारदीय नवरात्रि की नवमी को भक्तों ने मां सिद्धिदात्री की उपासना की। आ
जागरण संवाददाता, बांदा : शारदीय नवरात्रि की नवमी को भक्तों ने मां सिद्धिदात्री की उपासना की। आखिरी दिन होने के कारण गुरुवार को देवी मंदिरों में अन्य दिनों की अपेक्षा ज्यादा भीड़ रही। दिन भर मां भगवती के जयकारों से मंदिर गूंजते रहे। कई महिलाओं ने घर की पूजा-पाठ के बाद मंदिरों में विधिवत मां की आराधना की। मान्यता है कि नवमी के दिन मां अपने भक्तों को आठों प्रकार की सिद्धियां देती हैं।
मां महेश्वरी देवी मंदिर में सुबह तीन बजे कपाट खुल गए थे। मां को जलाभिषेक के बाद परिक्रमा करने का दौर शुरू हो गया। मंदिर परिसर में अन्य देवी देवताओं की भी भक्तों ने विधिवत पूजा अर्चना किया। इसी प्रकार मां काली देवी मंदिर में भक्तों की भीड़ रही। नारियल के चढ़ावे के बाद मां काली की श्रद्धालुओं ने आराधना की। इसी प्रकार बेंदा की मां कालिकन, मां विन्ध्यवासिनी, मढ़ी दाई, ¨सहवाहिनी, चौसठ जोगिनी मंदिरों में भक्तों की कतार लगी रही। पैलानी क्षेत्र के खप्टिहाकला, पिपरहरी, सबादा, अदरी, तारा, डिघवट, चिल्ला, लौमर, सिकहुला आदि गांवों में सांगों के साथ जुलूस निकाला गया। उधर, कमासिन में जगह-जगह पंडाल व घरों में कन्या भोज के आयोजन हुए।
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जवारों का हुआ विसर्जन
कलश धारण कर घर पर बोए गए जवारों को विसर्जित कर दिया गया। शहर के मंदिरों में ही ज्यादातर महिलाओं ने पारन किया। जबकि कस्बाई और ग्रामीण इलाकों में नदी, नहरें और तालाबों में जवारों का विसर्जन हुआ। ढोल ताशों के धुनों के बीच मोहल्लों से महिलाएं अपने सर पर जवारे रख कर मंदिर व नदियों के किनारे पहुंची।
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