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बांदा में महिला पुलिसकर्मी ने लगाई फांसी, चार सिपाहियों पर उत्पीडऩ का आरोप

महिला पुलिसकर्मी के परिवारीजन का आरोप है कि थानाध्यक्ष ने ही बेटी की हत्या करवाने के बाद मामले को आत्महत्या का रूप देने को शव को फांसी पर लटकवा दिया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 07 Sep 2018 12:48 PM (IST)Updated: Fri, 07 Sep 2018 12:48 PM (IST)
बांदा में महिला पुलिसकर्मी ने लगाई फांसी, चार सिपाहियों पर उत्पीडऩ का आरोप
बांदा में महिला पुलिसकर्मी ने लगाई फांसी, चार सिपाहियों पर उत्पीडऩ का आरोप

बांदा (जेएनएन)। महिलाओं के प्रति अपराध रोकने की जिम्मेदारी संभालने वाली प्रदेश पुलिस में महिलाएं ही सुरक्षित नहीं हैं। बांदा में महिला सिपाही ने अपने ही सहयोगियों से परेशान होकर फांसी लगा ली।

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महिला पुलिसकर्मी के परिवारीजन का आरोप है कि थानाध्यक्ष ने ही बेटी की हत्या करवाने के बाद मामले को आत्महत्या का रूप देने को शव को फांसी पर लटकवा दिया। मृतका सिपाही नीतू के पिता अनिल कुमार शुक्ला भी हरदोई में दारोगा के पद पर कार्यरत हैं। उनका कहना है कि उनकी बेटी के शरीर के बाहरी अंगों पर चोट के निशान पाए गए हैं। इसके साथ ही सुसाइड नोट में लड़की ने चार सिपाहियों पर घोर उत्पीडऩ करने का जिक्र है, जिससे यह आत्महत्या का मामला संदिग्ध लग रहा है।

प्रदेश में बांदा जिले में कमासिन थाना परिसर में बने सरकारी आवास पर एक महिला सिपाही ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उसकी मौत का मामला उस वक्त और उलझ गया, जब पुलिस को वहां से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ। जिसमें मृतका ने पुलिस महकमे को ही कठघरे में खड़ा कर दिया। मृतका के पिता भी हरदोई में दारोगा के पद पर कार्यरत हैं। पहले पुलिस ने सुसाइड नोट को छुपा दिया था। घटना मंगलवार देर शाम की है।

बांदा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मृतका सिपाही 25 वर्षीय नीतू शुक्ला ने फांसी लगाकर जान दे दी। उसके बिस्तर से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें नीतू ने चार सिपाहियों पर उत्पीडऩ का आरोप लगाया है। बांदा के पुलिस अधीक्षक एस. आनंद ने गुरुवार को बताया कि तीन डॉक्टरों की टीम से नीतू के शव का पोस्टमार्टम कराया गया है। नीतू के पिता अनिल कुमार शुक्ला भी यूपी पुलिस में उपनिरीक्षक है। उनके आरोपों के मद्देनजर क्षेत्राधिकारी सदर कुलदीप गुप्ता को मामले की जांच सौंपी गई है। मामले की जांच रिपोर्ट और पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के साथ-साथ नीतू के सुसाइड नोट की जांच भी की जा रही है। उसी के बाद अगली कार्रवाई की जाएगी। एसपी आनंद ने बताया कि घटना की सूचना डीजीपी कार्यालय लखनऊ को भी भेज दी गई है।

मृतका सिपाही के उपनिरीक्षक पिता अनिल कुमार शुक्ला ने कहा कि उनकी बेटी के बाहरी अंगों पर चोट के निशान पाए गए हैं। इसके साथ ही सुसाइड नोट में सिपाहियों पर उसका घोर उत्पीडऩ करने का जिक्र है। जिससे आत्महत्या का मामला संदिग्ध लग रहा है। हरदोई जिले में उपनिरीक्षक के पद पर तैनात शुक्ला ने कहा कि फोन पर बात करते वक्त मेरी बेटी बेहद डरी-सहमी रहती थी। इस मामले में एसपी ने थानाध्यक्ष प्रतिमा सिंह को लाइन हाजिर कर दिया गया है। नीतू की प्रताडऩा के आरोपी सिपाहियों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसके बाद भी महिला सिपाही की कथित आत्महत्या ने बांदा के पुलिस महकमे को कठघरे में खड़ा कर दिया है।

क्या पुलिस ने छिपाया था सुसाइड नोट

कमासिन थाने के क्वार्टर में बीते दिन महिला कांस्टेबल के आत्महत्या करने का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। महिला पुलिस कर्मी ने आत्महत्या से पहले सुसाइड नोट लिखा गया था। जो थाना स्टाफ ने छुपा गया। आखिर किन परिस्थितयों में यह सुसाइड नोट आला अधिकारियों ने इसको छुपाया था। यह एक बड़ा सवाल है। गुरुवार को यह बात सामने आई है कि महिला कांस्टेबल के कमरे में बिस्तर के नीचे एक सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें उसने थाना के चार सिपाहियों पर उत्पीडऩ का आरोप लगाया। शासन ने भी उक्त मामले में पुलिस कप्तान से रिपोर्ट मांगी है।

एसओ पर महिला सिपाही की हत्या कराने का आरोप

महिला कांस्टेबल का शव फांसी पर लटका मिलने के मामले में परिजन ने एसओ पर हत्या कराने का आरोप लगाया। उन्होंने अधिकारियों से जांच कराकर दोषियों को दंडित करने की मांग की। पोस्टमार्टम हाउस में भी परिवार के लोग हंगामा करते रहे। एसपी ने एसओ को लाइनहाजिर कर दिया गया है। पुलिस अधीक्षक एस आनंद ने घटनास्थल का निरीक्षण कर एसओ प्रतिमा सिंह को फटकार लगाकर कहा था कि अगर मौत की पुष्टि पहले से थी तो अस्पताल ले जाने के पहले अधिकारियों को सूचना क्यों नहीं दी गई। एसपी के निर्देश पर यहां फील्ड यूनिट टीम ने किचन से लेकर घटनास्थल तक की जांच की है और नीतू का मोबाइल लेकर कॉल डिटेल की भी जांच कराई जा रही है। उधर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे नीतू के पिता दारोगा अनिल शुक्ला, भाई अधिवक्ता राघवेंद्र शुक्ला, फुफेरे भाई राहुल, मामा विनोद त्रिपाठी, ने बताया कि एसओ ने उन्हें फोन पर बीमारी के चलते नीतू को अस्पताल में भर्ती कराने की सूचना दी थी।

उन्होंने नीतू की गला घोंटकर हत्या के बाद फंदे पर लटकाने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि घटना के समय नीतू किचन में दलिया बना रही थी और वहां दलिया बिखरी मिली। इससे लग रहा है कि उसकी हत्या की गई है। जिस जगह फांसी पर शव लटका मिला, उसके पैर पास ही पड़े बेड के नीचे तक लटक रहे थे। उसके चेहरे समेत शरीर पर कई जगह चोट के निशान थे। परिजन ने आशंका जताई कि वह थाने से संबंधित कोई रहस्य जानती थी जिसे हत्यारोपित दबाना चाहते थे। एसओ की शह पर साजिशन उसकी हत्या कर दी गई। पिता ने एसपी से जांच कराकर न्याय दिलाने की मांग की। एसपी ने कहा कि प्रथम दृष्टया डिप्रेशन में खुदकशी करने का मामला लग रहा है। पोस्टमार्टम में फांसी से मौत की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए एएसपी को कहा गया है।

कौशांबी जनपद के थाना मोहब्बतपुर अंतर्गत ग्राम तुलसीपुर निवासी कांस्टेबल नीतू (22) पुत्री अनिल शुक्ला की बीते वर्ष 14 मई को यहां कमासिन थाने में तैनाती हुई थी। मंगलवार देर शाम उसने अपने क्वार्टर में कुंडी अंदर से बंद कर दुपट्टे के फंदे से फांसी लगा ली। उसके साथ कमरे में रहने वाली महिला कांस्टेबल नीलम जब गश्त से लौटी तो दरवाजा खटखटाया। न खुलने पर उसने अन्य पुलिस कर्मियों को जानकारी दी। बगल में रह रही कांस्टेबल नेहा के कमरे से जब दरवाजा खोलकर पुलिस कर्मी अंदर पहुंचे तो वह पंखे से लटकी मिली। उसे उतारकर पीएचसी ले जाया गया। वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। थानाध्यक्ष प्रतिमा सिंह व अन्य महिला पुलिस कर्मियों ने बताया कि वह सप्ताह भर से बुखार से पीडि़त थी। उसे टायफाइड हुआ था। वह दो भाइयों व एक बहन में मंझली और अविवाहित थी। कांस्टेबल नेहा ने बताया कि खुदकशी से पहले वह फोन पर बात कर रही थी। साथी नीलम ने गश्त पर जाने के पहले बताया था कि फोन पर परिजन से बात कर रही है। 


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