मौसम का पलटवार, बारिश संग ओलों की बौछार
पश्चिमी विक्षोभ की वजह से बुंदेलखंड में सप्ताह भर से मौसम की उठापटक चल रही है। तीन दिन पूर्व 6.5 मिमी बारिश हुई थी। दो दिन मौसम साफ रहने के बाद गुरुवार को फिर पलटवार किया। दोपहर बाद अचानक घने बादल छा गए। करीब दस मिनट की बारिश में ओले भी बरसे। मौसम में तब्दीली से तापमान में गिरावट आई पर उमस ने बेहाल किया।
जागरण संवाददाता, बांदा : पश्चिमी विक्षोभ की वजह से बुंदेलखंड में सप्ताह भर से मौसम की उठापटक चल रही है। तीन दिन पूर्व 6.5 मिमी बारिश हुई थी। दो दिन मौसम साफ रहने के बाद गुरुवार को फिर पलटवार किया। दोपहर बाद अचानक घने बादल छा गए। करीब दस मिनट की बारिश में ओले भी बरसे। मौसम में तब्दीली से तापमान में गिरावट आई, पर उमस ने बेहाल किया।
जिले में तेज धूप निकलने से दो दिन से लगातार तेज गर्मी पड़ रही है। गुरुवार को सुबह से तेज धूप रही। इससे अधिकतम पारा 40 डिग्री और न्यूनतम 27 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा। दोपहर बाद करीब चार बजे अचानक मौसम में बदलाव आया। तेज गरज के साथ छींटे पड़े। इस बीच कुछ इलाकों में ओले भी बरसे। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक गुरुवार को दोपहर में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि रात में 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बारिश से तापमान में दो डिग्री की कमी आई। यह 38 डिग्री सेल्सियस हो गया। लेकिन बारिश बंद होते ही उमस में इजाफा हो गया। दिन में मौसम में आर्द्रता 65 फीसद पहुंच गई। देर शाम तक बादल छाए रहे।
गेहूं की मड़ाई कार्य में फिर ब्रेक
बारिश व ओलावृष्टि के बाद गेहूं की मड़ाई में फिर बाधा पहुंची। खेत-खलिहान में पड़ी फसल भीग जाने से दो-तीन दिन के लिए मड़ाई टल गई। हालांकि ऐसे मौसम में आम के फलों को नुकसान हो रहा है। इस वर्ष बेहतर आम की फसल को तेज आंधी व ओलावृष्टि ग्रहण लगा रही है। जिला कृषि अधिकारी डॉ.प्रमोद कुमार ने बताया कि ओलावृष्टि व बारिश से फसलों का नुकसान नहीं है। तेज धूप निकलने पर फसल सूख जाएगी। मड़ाई के लिए 15 से 20 फीसद फसल ही बची है।
खरीद केंद्रों पर बढ़ीं दुश्वारियां
गेहूं खरीद केंद्रों में तौल करा रहे किसान परेशानी में पड़ गए, जब अचानक तेज बारिश के साथ ओले गिरने लगे। तौल बंदकर पल्लेदारों की मदद से गेहूं ढककर सुरक्षित किया। लेकिन ट्रालियों में रखा गेहूं कई जगह भींग गया। उधर, प्राइवेट बस स्टैंड के निकट शहर में विपणन गोदाम में ट्रैक्टरों में लदा कोटेदारों का गेहूं व चावल भीगा, लेकिन पन्नी आदि ढककर गेहूं को जल्दी-जल्दी सुरक्षित किया।