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कमजोर मानसून से घटा जलाशयों का पानी

जागरण संवाददाता, बांदा : मानसून मेहरबान रहा तो पिछले वर्ष बांधों ने भी खूब साथ दिया। लेकिन पि

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Apr 2018 03:01 AM (IST)Updated: Sun, 08 Apr 2018 03:01 AM (IST)
कमजोर मानसून से घटा जलाशयों का पानी
कमजोर मानसून से घटा जलाशयों का पानी

जागरण संवाददाता, बांदा : मानसून मेहरबान रहा तो पिछले वर्ष बांधों ने भी खूब साथ दिया। लेकिन पिछले सीजन में पर्याप्त बारिश न होने का असर जलाशयों पर भी पड़ा है। पहले जहां साढ़े पांच सौ से अधिक तालाब भरे गए थे वहीं इस साल 164 तालाबों को नहरों से भरने की कार्य योजना प्रस्तावित है। आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले वर्ष की अपेक्षा इस साल बांधों में काफी पानी कम है। हालांकि ¨सचाई विभाग के अधिकारियों का दावा है कि पेयजल के लिए पानी की पर्याप्त उपलब्धता है वहीं जरूरत के समय तालाबों को भी भरा जाएगा।

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बुंदेलखंड में पानी की समस्या किसी से छिपी नहीं। पेयजल के साथ अधिकांशत: क्षेत्रों में अक्सर ¨सचाई की भी किल्लत रहती है। खासकर गर्मी के दिनों में यह समस्या और भी जटिल हो जाती है। ¨सचाई विभाग के आंकड़ों को देखें तो चित्रकूटधाम मंडल के दस बांधों में मौजूदा समय 41 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) से भी कम पानी बचा है। जबकि पिछले वर्ष मार्च में जलाशयों पर 65 एमसीएम से अधिक पानी उपलब्ध था। यही वजह है कि गत वर्ष मंडल में 555 तालाब जलाशयों के द्वारा नहरों के माध्यम से भरे गए थे जबकि इस वर्ष 164 तालाबों को ही भरने की कार्य योजना प्रस्तावित है। बांधों के द्वारा पशु-पक्षियों के पेयजल के लिए तालाबों को भरा जाएगा वहीं महोबा में उर्मिल, अर्जुन एवं कबरई बांध से पेयजल की भी आपूर्ति की जा रही है। बताते हैं कि जल संस्थान द्वारा कबरई, चरखारी व महोबा में पेयजल आपूर्ति कराई जा रही है। बुंदेलखंड के बांधों का जल स्तर मानसून पर ही निर्भर है। यदि अच्छी बारिश हो गई तो जलाशय भी फसली सीजन में ¨सचाई के अलावा गर्मी के दिनों में प्यास बुझाने के काम आ जाते हैं। पर्याप्त वर्षा न हुई तो गर्मी आते-आते जलाशयों की कोख भी काफी मात्रा में खाली हो जाती है।

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- बांधों में पेयजल के लिए पानी की पर्याप्त उपलब्धता है। महोबा जनपद के कई हिस्सों में बांधों से भी पानी की आपूर्ति की जा रही है। जहां रही तालाबों की बात तो हमीरपुर के दो दर्जन तालाब भरे जा चुके हैं। शेष तालाबों को मई तक जरूरत पड़ने पर जलाशयों से भरा जाएगा। -नीरज कुमार, अधीक्षण अभियंता ¨सचाई

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बांदा के भरे जाएंगे सबसे ज्यादा तालाब

बांदा : बांधों के पानी से चित्रकूटधाम मंडल के 164 तालाबों को भरा जाना है जिसमें सर्वाधिक 67 तालाब बांदा के भरे जाएंगे। इसी तरह चित्रकूट के 50, हमीरपुर के 40 एवं महोबा के 7 तालाबों को भरने की कार्य योजना प्रस्तावित है। हमीरपुर में शुरुआत हो चुकी है और कई तालाब भरे भी जा चुके हैं।


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