विजिलेंस ने देखी स्टेशन की साफ-सफाई, खामियां मिलीं
जागरण संवाददाता, बांदा: रेलवे की सर्तकता विभाग (विजिलेंस) की तीन सदस्यीय टीम ने मंडल मुख्यालय के रेल
जागरण संवाददाता, बांदा: रेलवे की सर्तकता विभाग (विजिलेंस) की तीन सदस्यीय टीम ने मंडल मुख्यालय के रेलवे स्टेशन पर छापेमारी की और व्यवस्थाओं को देखा। टीम की सर्वाधिक नजर साफ-सफाई पर रही। टीम ने करीब तीन घंटे तक वाणिज्य कर विभाग से संबंधित अभिलेखों व साफ-सफाई की हकीकत को देखा और खामियों को नोट किया। विजिलेंस के अचानक मुख्यालय आने पर अधिकारी खासे सकते में रहे।
सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन अभियान चलाएं जाने के बाद भी रेलवे स्टेशनों में बेहतर साफ-सफाई नहीं हो रही है। पिछले दिनों रेलवे ने स्टेशनों की साफ सफाई की पड़ताल कराई थी। इसमें 40 फीसद रेलवे स्टेशनों में साफ-सफाई संतोषजनक नहीं पाई गई थी। अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गए थे कि वह साफ-सफाई व्यवस्था में
सुधार लाएं। लेकिन अपेक्षित सुधार न होने पर रेल मंत्रालय ने सभी रीजनों में विजलेंस को साफ-सफाई की हकीकत को जांचने व रिपोर्ट देने के आदेश दिए थे। आदेशों के क्रम में सर्तकता विभाग इलाहाबाद के इंस्पेक्टर एके शुक्ला के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम ने मंडल मुख्यालय के रेलवे स्टेशन में छापेमारी की। टीम ने पहले सामान्य, आरक्षित टिकट खिड़की पर पहुंचकर कैश व अभिलेखों को देखा। इसके बाद उन्होंने साफ-सफाई व्यवस्था पर पूछताछ की। बताया गया कि रेलवे स्टेशन की साफ सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी लखनऊ की एक कंपनी के पास है। जिसे रेलवे प्रति माह 1 लाख 46 हजार 365 रुपए अदा करता है। लेकिन कंपनी ने टीम को न ही वर्दी दी है और न ही उनके कार्ड बने हैं। मानक के अनुसार सफाई कर्मचारी भी नहीं मिले। फर्स की सफाई करने वाली मशीन भी खराब थी। स्टेशन अधीक्षक ने बताया कि मशीन को ठीक न करने पर ठेकेदार पर रोजाना 200 रुपये का जुर्माना किया जा रहा है। टीम ने वाणिज्य निरीक्षक सुरेश मिश्रा से भी पूछताछ की। लेकिन उन्होंने बताया की उन्हें दस दिन पूर्व ही वाणिज्य निरीक्षक का कार्यभार मिला है। इसके पूर्व संजय कुमार यह कार्य देखते थे। टीम ने उनसे भी पूछताछ की। इस मौके पर कई रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।