परिवहन निगम को दो दिन में लगा 22 लाख चूना
कर पा रहा है। कोरोना संक्रमण को लेकर हुए लॉकडाउन में मार्च माह से परिवहन निगम की आय बंद हो गई थी। रोडवेज की 129 बसों का संचालन ठप्प रहने से अभी तक परिवहन निगम नुकसान से उबर नहीं पाया। जून माह में विभाग अपनी कुल 75 बसें ही संचालित कर सका है। बसों से सफर करने के लिए पिछले वर्ष की
जागरण संवाददाता, बांदा : कोरोना संक्रमण काल शुरू होने से परिवहन निगम की आय में जहां भारी अंतर आया है। वहीं दो दिन के लॉक डाउन को लेकर विभाग को फिर से बड़ा झटका लगा है। इस बार विभाग को बसों के चक्के जाम होने से सीधा 22 लाख का नुकसान उठाना पड़ा। विभिन्न रूटों पर चलने वाली 72 रोडवेज बसें स्टैंड में खड़ी रहीं।
परिवहन विभाग नुकसान की भरपाई नहीं कर पा रहा है। कोरोना संक्रमण को लेकर हुए लॉकडाउन में मार्च माह से परिवहन निगम की आय बंद हो गई थी। रोडवेज की 129 बसों का संचालन ठप्प रहने से अभी तक परिवहन निगम नुकसान से उबर नहीं पाया। जून माह में विभाग अपनी कुल 75 बसें ही संचालित कर सका है। बसों से सफर करने के लिए पिछले वर्ष की अपेक्षा जून व जुलाई में यात्री नहीं मिल पाए। इससे पिछले वर्ष जहां जून व जुलाई में प्रतिदिन की आय 14 लाख थी, वहीं इस वर्ष कोरोना के संक्रमण को लेकर शुक्रवार तक कुल 10 से 11 लाख रुपये ही रोजाना आय हो सकी है। दस जुलाई की रात से एक बार फिर तीन रात व दो दिन का लॉक डाउन लगा दिया गया। जिसमें परिवहन निगम की बसें भी बंद कर दी गई थीं। दो दिन बसें संचालित न होने से विभाग को फिर से करीब 22 लाख का नुकसान उठाना पड़ा। इसमें शासन के निर्देश थे कि लॉकडाउन के इन दो दिनों में बसें उसी शर्त में संचालित होंगी। जिसमें यदि कोई स्पेशल ट्रेन प्रवासियों को लेकर बांदा आएगी। इसके अलावा बसों का संचालन पूरी तरह पहले की तरह बंद रखने के शासन से निर्देश मिले थे।
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आय व रोडवेज बसों की स्थिति :
कुल बसें : 129
जनरथ बस : 4
शुक्रवार तक संचालन : 75 बस
प्रतिदिन आय : करीब 11 लाख
पिछले वर्ष आय : 14 लाख
दो दिन में नुकसान : 22 लाख
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क्या कहते हैं अधिकारी :
स्पेशल ट्रेनों के आने पर जिला प्रशासन की अनुमति से बसें चलाई जाएंगी। लॉकडाउन अवधि में ट्रेनें न आने पर रोडवेज बसों का संचालन पूरी तरह बंद रहेगा।
-परमानंद, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, परिवहन निगम, बांदा