..तो मृतक भी कर रहे गांव की सरकार के लिए मतगणना
जागरण संवाददाता बांदा गांव की सरकार बनाने के अंतिम चरण में आखिरकार चूक हो ही गई।
जागरण संवाददाता, बांदा : गांव की सरकार बनाने के अंतिम चरण में आखिरकार चूक हो ही गई। आननफानन मतगणना के लिए लगाई गई ड्यूटी में काफी ऐसे नाम भी शामिल हैं, जो स्वर्ग सिधार चुके हैं। ऐसे भी बहुत से नाम हैं, जिनकी दूसरी जगह तैनाती हो चुकी है। दरअसल, शिक्षक संगठनों ने मतगणना बहिष्कार की चेतावनी दी थी। यह देख आननफानन उच्चाधिकारियों के निर्देश पर सभी पुरुष शिक्षकों, अनुदेशक, शिक्षामित्रों की ड्यूटी अलग-अलग पालियों में लगा दी गई। जल्दबाजी में यह भी नहीं देखा गया कि जिनकी ड्यूटी लगाई जा रही है, वह इस दुनिया में हैं भी या नहीं।
ब्लाक की जारी सूची में मृतक शिक्षक चंद्रपाल, शिवशेखर विश्वकर्मा की ड्यूटी शिफ्ट दो में लगी है। विभाग से महीनों पहले कई अनुदेशक व शिक्षामित्र दूसरी तैनाती पा चुके हैं, जिनको तीसरी शिफ्ट में मतगणना के लिए नामित किया गया है। सूत्र बताते हैं कि पुरानी सूची निकाल उसी आधार पर ड्यूटी लगाने से यह स्थिति आई है। शिक्षा विभाग से जुड़े सूत्र बताते हैं कि जिनकी ड्यूटी लगाई गई है, उनसे विभाग संपर्क तक नहीं कर सकता है। वजह, सूची में जो मोबाइल नंबर दिए गए हैं, वह काफी पहले के हैं।
मतगणना कार्य में किसी प्रकार की कमी न हो इसके लिए देर रात परिषदीय शिक्षकों, अनुदेशकों, शिक्षामित्रों को खंड शिक्षा अधिकारी की ओर से ड्यूटी पत्र जारी कर दिया गया। जारी करते समय इस बात का भी ध्यान नहीं रखा गया कि मौजूदा स्थिति में उनकी तैनाती विद्यालय व क्षेत्र में है या नहीं। सुबह जब शिक्षकों ने ड्यूटी आदेश देखे तो वाट्सएप ग्रुप पर खुसर-पुसर शुरू हो गई। कई नाम ऐसे थे जिनका कोविड संक्रमण के चलते निधन हो गया था। बड़ोखरखुर्द में क्रम संख्या-113 पर शिवशेखर, महुआ ब्लाक में चंद्रपाल सहित कई अनुदेशक व शिक्षामित्र जो कई माह पहले पद छोड़कर अपनी मुकम्मत तैनाती पा चुके हैं उनके नाम देखकर सभी चौंक गए कि अधिकारियों के दबाव में सबकुछ आननफानन किया गया है। शिक्षक संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि बड़ोखरखुर्द ब्लाक में आठ अध्यापक, चार अनुदेशक, सात शिक्षामित्र, महुआ में तीन अध्यापक, दो अनुदेशक, चार शिक्षामित्र, तिदवारी में दो अध्यापक, दो शिक्षामित्र के नाम पकड़ में आए हैं जो दिवंगत हो चुके हैं अथवा पद छोड़कर नई तैनाती पा चुके हैं। इसके अलावा कोविड संक्रमण के कारण कई ऐसे अध्यापक भी ड्यूटी में शुमार कर लिए गए जिन्होंने अवकाश के लिए प्रार्थनापत्र देकर रिसीविग प्राप्त कर ली।