पीएम मत्स्य संपदा से चमकेगी मछुआरों की किस्मत
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के जरिए अब मछुआरों की किस्मत चमकेगी। मंडल में इसके लिए दो-दो ब्लाकों का चयन किया गया है। मछली पालन के लिए 42 लाख से छह तालाब तैयार होंगे। 100 क्यूसिक मीटर क्षमता के छह पक्के टैंक बनेंगे। 14-14 लाख की लागत से 50-50 वायोफलाक बनेंगे। साथ ही रियरिग यूनिट केज व पैन की भी स्थापना होगी। मत्स्य विभाग इनमें 40 से 60 फीसद अनुदान देगा। मछली पालन के लिए लाभार्थियों का चयन किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, बांदा : प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के जरिए अब मछुआरों की किस्मत चमकेगी। मंडल में इसके लिए दो-दो ब्लाकों का चयन किया गया है। मछली पालन के लिए 42 लाख से छह तालाब तैयार होंगे। 100 क्यूसिक मीटर क्षमता के छह पक्के टैंक बनेंगे। 14-14 लाख की लागत से 50-50 वायोफलाक बनेंगे। साथ ही रियरिग यूनिट, केज व पैन की भी स्थापना होगी। मत्स्य विभाग इनमें 40 से 60 फीसद अनुदान देगा। मछली पालन के लिए लाभार्थियों का चयन किया जा रहा है।
शासन की मत्स्य पालन के लिए मछुआ किसानों की आय दोगुना करने की तैयारी। इसके लिए प्रधानमंत्री संपदा योजना शुरू की है। इसके पहले विभाग में संचालित नील क्रांति योजना बंद कर दी गई है। योजना के तहत चित्रकूटधाम मंडल के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। योजना के तहत मंडल के चारों जनपदों में दो-दो ब्लाकों का चयन किया गया है। बांदा में बबेरू और नरैनी, चित्रकूट में मानिकपुर व पहाड़ी, हमीरपुर में राठ व मौदहा तथा महोबा में कबरई व पनवाड़ी ब्लाक में मछुआ समुदाय के दिन बहुरेंगे। बबेरू, नरैनी, मानिकपुर, पहाड़ी, राठ व मौदहा में निजी भूमि में सात-सात लाख रुपये की लागत से छह तालाब बनेंगे। 100 क्यूसिक मीटर क्षमता के आरएएस टैंक बनाएंगे जाएं, जिनमें फंगास मछलियां पाली जाएंगी। महोबा व बांदा में तीन-तीन टैंक निर्मित होंगे। 14 लाख लागत से बांदा व महोबा में वायो फलक (पक्के टैंक) बनवाए जाएंगे। सात लाख रुपये की लागत से बांदा, चित्रकूट व हमीरपुर में दो-दो रियरिग टैंक बनेंगे। इनमें मछलियों के बच्चे पाले जाएंगे। इसके अलावा महोबा में तीन-तीन लाख लागत से 24 मत्स्य केज की स्थापना होगी। चित्रकूट में दो व महोबा में 8 पैन (टैंक) स्थापना होगी, जिनकी लागत तीन-तीन लाख रुपये होगी।
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कुल्फी की तर्ज पर बिकेंगी मछलियां :
शासन मछली पालन करने वाले 40 लाभार्थियों को साइकिल व आइस बॉक्स के लिए 10-10 हजार रुपये देगी। वह कुल्फी की तर्ज पर साइकिल से गांव-गांव व शहर-शहर घूमकर मछलियां बेंचेंगे। इससे उनकी अच्छी आय होगी।
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40 से 60 फीसद मिलेगा अनुदान :
शासन से लाभार्थियों को 40 से 60 फीसद तक अनुदान मिलेगा। सामान्य जाति के लाभार्थियों को 40, आरक्षित वर्ग व महिलाओं को इन योजनाओं में 60 फीसद छूट दी जाएगी। योजनाएं समूह (क्लस्टर) में संचालित होंगी।
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ऐसे करें आवेदन :
लाभार्थियों को प्रथम आवक-प्रथम पावक के आधार पर योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। इच्छुक व्यक्ति मत्स्य विभाग की वेबसाइट में ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के साथ फोटो, आधार कार्ड, 100 रुपये का स्टांप पर शपथ पत्र के साथ अभिलेख अपलोड कराने होंगे। सहायक निदेशक मत्स्य से संपर्क कर जानकारी की जा सकती है।
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-पीएम मत्स्य संपदा योजना से किसानों की आय में इजाफा होगा। इन्हें यहीं बेहतर रोजगार मिलेगा। मछली की मंडल में बड़ी खपत व मांग है। युवा इस योजना का लाभ जरूर लें।
-ज्ञानेंद्र सिंह उप निदेशक मत्स्य, चित्रकूटधाम मंडल, बांदा