बांदा में टाट-पट्टी व बोरे से बने कोट में नजर आएंगे गोवंश
जागरण संवाददाता बांदा गोआश्रय स्थलों में पल रहे गोवंश ठंड में अब टाट-पट्टी व बोरे के बने
जागरण संवाददाता, बांदा : गोआश्रय स्थलों में पल रहे गोवंश ठंड में अब टाट-पट्टी व बोरे के बने कोट में नजर आएंगे। ठंड से बचाव के लिए डीएम ने एसडीएमव बीडीओ सहित अन्य अधिकारियों के दायित्व निर्धारित किए हैं। ठंड से गोवंशों की मौत होने पर एसडीएम व बीडीओ पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।
जिले में करीब स्थायी व अस्थायी सहित कुल 202 गोआश्रय स्थलों में करीब 26 हजार अन्ना गोवंश संरक्षित हो रहे हैं। ठंड का मौसम शुरू हो गया है। ऐसे में गोवंशों के ठंड में मरने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। गोशालाओं में गोवंश ठिठुरन भरी रात में सिकुड़ रहे हैं। डीएम आनंद कुमार सिंह ने लगातार आ रही शिकायतों को लेकर गंभीरता दिखाई है। उन्होंने सभी तहसीलों में गठित कमेटियों की निष्क्रियता पर भी नाराजगी जाहिर की है। जिले के सभी उप जिलाधिकारियों, जिला पंचायत राज अधिकारी, सभी उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, बीडीओ, पशु चिकित्साधिकारियों व ईओ को पत्र जारी किया है। सभी पांच तहसीलों में गठित कमेटियों के सदस्यों व सचिवों के दायित्व निर्धारित किए हैं। उन्होंने कहा है कि यदि कहीं निरीह गोवंशों की ठंड व भूख से मौत हुई तो दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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ये दायित्व किए गए निर्धारित :
-गोवंश आश्रय स्थल पर गोवंश को ठंड से बचाने को तिरपाल, टाट-पट्टी, बोरे आदि की व्यवस्था होगी। शेडों को जरूरत के मुताबिक तिरपालों से ढका जाए। गोवंशों को टाट-पट्टी के कोट बनवाकर पहनाएंगे।
-ठंड के मौसम में गोवंशों को दिन में धूप में बांधा जाएगा। पशुओं के बैठने का स्थान सूखा रखा जाएगा।
-गोवंश आश्रय स्थलों पर अलाव की व्यवस्था होगी। देखरेख को किसी व्यक्ति को लगाया जाएगा।
-गोवंशों को ठंड के बजाए ताजा पानी पिलाया जाए। पशु चिकित्साधिकारी निरंतर गोआश्रय स्थलों का भ्रमण करते रहें तथा गोवंश के बीमार होने की सूचना पर तत्काल इलाज करें।
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-बीडीओ व एसडीएम सहित संबंधित अधिकारियों को गोवंशों के ठंड व भूख से बचाव का दायित्व सौंपा गया है। लापरवाही मिली को अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
-आनंद कुमार सिंह, डीएम, बांदा