पीएम आवास के लाभार्थियों को नहीं मिला 90 दिन का रोजगार
शासन की सख्ती के बाद भी जिले में प्रधानमंत्री आवास लाभार्थियों को 90 दिन का रोजगार नहीं मिल सका। जनपद में
जागरण संवाददाता, बांदा : शासन की सख्ती के बाद भी जिले में प्रधानमंत्री आवास लाभार्थियों को 90 दिन का रोजगार नहीं मिल सका। जनपद में 8850 लाभार्थी हैं। गरीब लाभार्थी आवास का निर्माण खुद करने के बाद मनरेगा की मजदूरी के लिए चक्कर लगा रहे हैं। सीडीओ ने इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए खंड विकास अधिकारियों को कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी है।
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत गरीबों को चयनित कर उन्हें 1.20 लाख रुपये तीन किश्तों में दिए जाते हैं। आवास निर्माण के लिए मनरेगा से 90 दिन का मानव दिवस सृजित किए जाने के निर्देश हैं। जिले में वित्तीय वर्ष 2019-20 में 8850 लाभार्थियों का चयन किया गया था। इन लाभार्थियों को 7.96 लाख मानव दिवस सृजित किया जाना चाहिए। ताकि प्रति लाभार्थी को नब्बे दिन का मस्टर रोल भरकर उन्हें मजदूरी दी जा सके। लेकिन वित्तीय वर्ष पूरा होने के बाद भी अभी तक यह लक्ष्य पूरा नहीं हो सका। अभी तक सभी विकास खंडों में प्रधानमंत्री आवासों में 634638 मानव दिवस सृजित हुए हैं। यह महज 72 फीसद है। सबसे ज्यादा नरैनी, जसपुरा व महुआ ब्लाक की स्थिति खराब है। नरैनी में 1712 लाभार्थियों को 58 फीसद, जसपुरा में 571 आवासों में 66 और महुआ में 1497 आवासों में 66 फीसद मानव दिवस सृजित किए गए हैं। मुख्य विकास अधिकारी हरिश्चंद्र वर्मा ने इस लापरवाही पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है। सभी खंड विकास अधिकारियों को पत्र जारी कर कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि बीडीओ ने निर्देश के बाद भी 90 दिन का रोजगार देने का प्रयास नहीं किया।
-----------------
पीएम आवास में मानव दिवस सृजन की स्थिति :
ब्लॉक पीएम आवास प्रगति का प्रतिशत
बबेरू 652 77
बड़ोखर 1208 80
बिसंडा 1292 83
जसपुरा 571 66
कमासिन 922 76
महुआ 1497 66
नरैनी 1712 58
तिदवारी 996 74
-----------------------
योग 8850 72
-----------------------
-पीएम आवास योजना में बीडीओ स्तर पर गंभीर लापरवाही की गई है। उन्हें तत्काल लक्ष्य पूरा कराने के निर्देश दिए गए हैं। यदि निर्धारित समय में मानव दिवस सृजित नहीं होते तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
-हरिश्चंद्र वर्मा, सीडीओ, बांदा